नई दिल्ली. अमेरिका (America) अपने दुश्मनों से सबक सिखाने के लिए हर वक्त पूरी तरह से अलर्ट (Alert) रहता है. फिर चाहे वह चीन (China) के साथ टैरिफ वॉर (Tariff War) हो या फिर ईरान (Iran) पर बमबारी करने की खुलेआम धमकी. अब अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन का एक सीक्रेट ऑर्डर सामने आया है जिसमें इशारा मिलते ही परमाणु हथियारों को जल्द से जल्द चलाने की बात कही गई है. यह आदेश जंग के किसी भी हालात से निपटने के लिए अमेरिका की हाई सिक्योरिटी और अलर्ट सिस्टम का एक हिस्सा है.
तुरंत एक्शन लेने के ऑर्डर
पेंटागन के ऑर्डर में कहा गया है कि मैसेज मिलने के दो मिनट के भीतर परमाणु हथियार चलाने के लिए तैयार रहें. यह ऑर्डर एक सीक्रेट डॉक्यूमेंट का हिस्सा है, जिसका नाम ‘ऑर्गेनाइजेशनल मैसेजिंग सर्विस’ है और इस ऑर्डर को मार्च 2025 को जारी किया गया था. किसी इमरजेंसी की स्थिति में लिए जाने वाले एक्शन के तहत जारी इस आदेश में गया है कि इमरजेंसी एक्शन मैसेज की ओर से किए गए मैसेज पर प्राथमिकता के साथ न्यूक्लियर कमांड और कम्युनिकेशन ऑपरेशंस को दो मिनट या उससे भी कम टाइम में एक्शन लेना है.
पहले किसी ऑर्गेनाइजेशनल मैसेजिंग सर्विस की ओर से जारी आदेश पर अमल करने के लिए ज्यादा समय दिया जाता था लेकिन अब इसको घटाकर सिर्फ दो मिनट का किया गया है. अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर फोकस रखने वाले अमेरिकी न्यूज ऑर्गनाइजेशन ‘क्लिप न्यूज’ ने मंगलवार को इस सीक्रेट डॉक्यूमेंट के बारे में खुलासा किया है.
US बना रहा सबसे घातक परमाणु बम
पेंटागन की ओर से यह आदेश ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका अपने सबसे घातक ग्रेविटी न्यूक्लियर बम B61-13 को 2026 तक बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है. यह हिरोशिया पर दागे गए परणाणु बम से 24 गुना ज्यादा ताकतवर है, जिसका वजन करीब 360 किलोटन है. अमेरिका के इस नए परमाणु बम B61-13 को जब कहीं पर गिराया जाएगा तो उससे बहुत तेज कंपन होगा. यही नहीं, करीब 6 किलोमीटर के दायरे तक इसकी आग पहुंचेगी और 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाली जमीन पूरी तरह खाक हो जाएगी.
चीन ने 2030 तक अपने परमाणु हथियार दोगुने करने की बात कही थी, जिसके जवाब में अमेरिका ने अपना सबसे ताकतवर न्यूक्लियर बम बनाने का ऐलान किया था. नया B61-13 बम देखने में B61-7 की तरह ही होगा. लेकिन इसमें सेफ्टी और कंट्रोल फीचर्स ज्यादा बेहतर होंगे. ऐसा भी अनुमान है कि जब B61-13 गिरेगा तो कुछ ही घंटे में 10 लाख से ज्यादा मौतें हो जाएंगी. जबकि 20 लाख से ज्यादा लोग बुरी तरह से झुलस जाएंगे.
नए परमाणु बम B61-13 को बनाने वाली सैंडिया नेशनल लैब का कहना है कि इस परमाणु हथियार को मौजूदा सुरक्षा वातावरण के जवाब में विकसित किया जा रहा है. इसके जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति को कुछ सख्त और बड़े सैन्य टारगेट के खिलाफ ज्यादा ऑप्शन मिल सकेंगे ताकि विरोधियों पर काबू पाया जा सके और सहयोगियों की मदद की जा सके.
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