वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय (पेंटागन) ने भारत, रूस व चीन से जुड़े ताजा बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों से जुड़े सवालों को खारिज करते हुए कहा कि भारत के साथ अमेरिका के बहुत करीबी रक्षा संबंध हैं। उसने कहा, भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और उसे किसके साथ सैन्य अभ्यास करना है, इसका फैसला वह खुद ले सकता है।
पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने कहा कि हमने निश्चित रूप से इस क्षेत्र में भारत के साथ अपनी साझेदारी की सराहना की है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत एक अहम भागीदार है और हम उसके साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। राइडर से पूछा गया था कि भारत ने कई अभ्यास में हिस्सा लिया है, जिसमें रूस-चीन के साथ युद्धाभ्यास शामिल है। यह कुछ लोगों को थोड़ा परेशान करने वाला लगता है। उन्होंने कहा, भारत के साथ हमारी बहुत करीबी साझेदारी और संबंध हैं, खासकर रक्षा क्षेत्र में। हम इन द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेंगे।
एक से सात सितंबर तक हुआ वोस्तोक सैन्याभ्यास
हाल ही में यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान के बीच मॉस्को के सुदूर पूर्वी इलाके में विभिन्न स्थानों पर एक से सात सितंबर के बीच वोस्तोक सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था। इसमें भारत और चीन सहित कई देशों ने हिस्सा लिया था।
एफ-16 विमान पाकिस्तान से द्विपक्षीय रिश्तों का हिस्सा
बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद देने का कदम जायज ठहराते हुए कहा कि एफ-16 लड़ाकू विमान कार्यक्रम अमेरिका के साथ पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों का अहम हिस्सा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, इन लड़ाकू विमानों के बेड़े से पाकिस्तान को आतंक रोधी अभियान के संचालन में मदद मिलेगी। गत चार वर्षों में वाशिंगटन की ओर से इस्लामाबाद को दी गई यह पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है।
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