नई दिल्ली। चीन के आक्रामक रवैये पर अमेरिका ने दो टूक कह दिया है कि जो देश चीन के विरोध में खड़े होंगे पेंटागन उनका साथ देगा। इस कड़ी में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ताइवान के लिए 34.5 करोड़ अमेरकी डॉलर के सैन्य मदद की भी घोषणा कर दी है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बीजिंग के व्यापक दावों का विरोध करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में द्विपक्षीय वार्ता शुरू करते हुए कहा है कि अमेरिका चीन के ‘धमकाने’ वाले व्यवहार का विरोध करने वाले देशों का समर्थन करना जारी रखेगा।
ऑस्ट्रेलिया को अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकी से संचालित पनडुब्बियों का बेड़ा देने के समझौते पर केंद्रित वार्ता के लिए ऑस्टिन और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार देर रात ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन पहुंचे। हिंद-प्रशांत पर ऑस्ट्रेलिया में अपनी शुरुआती टिप्पणी के दौरान, ऑस्टिन ने कहा, “हमने पूर्वी चीन सागर से दक्षिण चीन सागर तक, यहां दक्षिण-पश्चिम प्रशांत में चीन का दबाव देखा है। पेंटागन प्रमुख ने कहा, “हम अपने सहयोगियों और साझेदारों का समर्थन करना जारी रखेंगे क्योंकि वे धमकाने वाले व्यवहार से खुद की रक्षा करते हैं।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्यापार, ताइवान की कानूनी स्थिति, दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक दावों और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीनी प्रभुत्व के विस्तार के खिलाफ चल रहे अमेरिकी अभियान सहित कई मुद्दों के कारण चीन और वाशिंगटन के बीच संबंध हाल के महीनों में बिगड़े हैं। लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ”आज, हमारा सहयोग महत्वपूर्ण है। यह नियमों और अधिकारों की दुनिया में एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के हमारे साझा दृष्टिकोण की कुंजी है।”
हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां सभी देश सुरक्षित और समृद्ध हों, जहां राज्य अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करें, और जहां विवादों को बिना किसी दबाव के शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाए।” बता दें कि अमेरिका और चीन के बिगड़ते संबंधों को सुधारने और संघर्ष को रोकने के प्रयास में ब्लिंकन और वित्त मंत्री जेनेट येलेन सहित वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में चीन का दौरा किया है। चीनी जासूसी गुब्बारे की घटना के बाद से चीन और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ा है।
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