इंदौर (Indore)। नगर निगम में वृद्धा पेंशन को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। पिछले दिनों जहां कई महिलाओं ने पेंशन नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी, वहीं अब जीवित वृद्धा की पेंशन महीनों पहले परलोक सिधार चुकी महिला को मिलने का मामला उजागर हुआ है। जनसुनवाई में पहुंचे नरेंद्र विश्वकर्मा ने मां 75 वर्षीय भूरीबाई को नगर निगम द्वारा वृद्धा पेंशन नहीं दिए जाने की शिकायत कलेक्टर से की तो जांच में जो खुलासा हुआ, वह चौंका देने वाला था। एक ही नाम की दो महिलाएं अलग-अलग वार्ड में निवासरत होने के बावजूद निगम में जीवित को मृत और मृत को जिंदा बताकर पेेंशन वितरण कर डाला। महीनों पहले परलोक सिधार चुकी भूरीबाई के खाते में जीवित भूरीबाई विश्वकर्मा की पेंशन जारी कर दी गई। कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में पहुंचे आवेदकों ने बताया कि वे माता-पिता का देहांत होने के बाद दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
चार पोतियों के एडमिशन की गुहार
जनसुनवाई में एक वृद्ध महिला ने जहां बेटे और बहू की मौत के बाद चार पोतियों का स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लगाई, वहीं अन्नपूर्णाबाई पति अंतरसिंह ने बेटे और बहू की मौत के बाद चार पोतियों का आधार कार्ड नहीं बन पाने का मुद्दा कलेक्टर के सामने रखा।
मां की शिकायत लेकर पहुंचा मासूम
डेढ़ साल की उम्र में मां द्वारा छोड़े जाने के बाद बेटा कलेक्टर के समक्ष मां की शिकायत लेकर पहुंचा। अंश वर्मा ने मां ईशिता के खिलाफ शिकायत करते हुए बताया कि पिता सुमित वर्मा के साथ मां के दुव्र्यवहार के साथ दादी और बच्चों के साथ व्यवहार क्रूरतापूर्ण है। वह अपनी मां से छुटकारा चाहता है। अंश ने मां पर अपनी ही दुकान का सामान चोरी करने और मारपीट करने का आरोप लगाया।
भरण-पोषण की राशि सैलेरी से काटें
कुटुंब न्यायालय के निर्देश के बावजूद पति के वेतन से भरण-पोषण की राशि का आहरण नहीं किए जाने की शिकायत लेकर पहुंची भारती पति रितेश बिंगले ने बताया कि कुटुंब न्यायालय द्वारा पति के खिलाफ भरण-पोषण नहीं दिए जाने की शिकायत के बाद डायरेक्टर सैलेरी से आहरण किए जाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन उक्त आदेश का पालन नहीं करवाया जा रहा है। रितेश बिंगले नर्मदा विकास प्राधिकरण में कार्यरत है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved