नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के करीब 25,000 पेंशनधारियों पर पेंशन कम होने की तलवार लटक रही है. रिटायरमेंट फंड संगठन ने अपने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो लोग 2014 से पहले रिटायर हुए हैं उन्हें उच्च पेंशन देना बंद कर दिया जाए. साथ ही अभी उन्हें इस व्यवस्था के तहत जितनी अतिरिक्त राशि दी गई है वह भी रिकवर की जाए. इस संबंध में EPFO ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया था. संगठन का कहना है कि ऐसे मामलों की समीक्षा की जाएगी जो 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हो गए और उन्होंने उच्च वेतन पर पेंशन की सुविधा को सब्सक्राइब नहीं किया है.
ईपीएफओ ने सर्कुलर में कहा है कि जनवरी 2023 से ऐसे पेंशनधारियों की ऊंची पेंशन पर रोक लगा दी जाए. इसके बाद इनकी पेंशन को 5,000 या 6500 रुपये की सैलरी के आधार पर संशोधित किया जाएगा. EPFO ने इस सर्कुलर में EPS-95 के पैराग्राफ 11(3) का जिक्र किया है जो इस बारे में बात करता है कि किसी कर्मचारी की अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी कितनी होनी चाहिए. EPFO ने सर्कुलर में कहा है कि पेंशन में संशोधन किए जाने से पहले पेंशनधारक को अग्रिम सूचना दी जानी चाहिए.
झेलना पड़ सकता है विरोध
पेंशनधारकों के अधिकारों की पैरवी करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण कोहली कहते हैं कि ये EPFO का घमंड बोल रहा है. उन्होंने कहा कि सर्कुलर सच को तोड़-मरोड़ रहा है और कई जानकारियां भी दबाई गई हैं. बकौल कोहली, कोर्ट ने 2003 में ही EPS-95 को सही ठहराया था और इसके बाद जाकर 24,672 पेंशनधारियों की पेंशन में संशोधन किया गया था. इसके बाद कई अन्य पेंशनधारकों को भी विभिन्न कोर्ट से उनके पक्ष में फैसला मिला था.
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