ओटावा: कनाडा (Canada) हमेशा से अप्रवासियों (immigrants) का स्वागत करने के लिए जाना जाता रहा है लेकिन अब देश के कई हिस्सों, खासतौर से प्रिंस एडवर्ड आइलैंड्स (PEI) प्रान्त अपने इमिग्रेशन परमिट (permit) में कटौती कर रहा है। अप्रवासियों की भारी संख्या से जूझ रहे पीईआई ने स्थानीय लोगों के विरोध के बीच कुछ नियम बदले हैं। नियमों में बदलाव का असर अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर पड़ रहा है। इससे सैकड़ों भारतीय छात्र (indian students) भी निर्वासन का सामना कर रहे हैं। डिपोर्सन का सामना कर रहे भारतीय छात्र नए नियमों का विरोध कर रहे हैं। ये तब हुआ है जब पीईआई के स्थानीय लोगों लोगों में भारतीय अप्रवासियों का विरोध देखने को मिल रहा है। इसकी वजह का खुलासा खुद प्रांत के निवासियों ने किया है कि वह भारतीय अप्रवासियों के खिलाफ क्यों हैं। कनाडा के सबसे छोटे प्रांत पीईआई के निवासियों का कहना है कि वे और अप्रवासी क्यों नहीं चाहते।
कनाडा में प्रिंस एडवर्ड आइलैंड्स (पीईआई) में इमिग्रेश नीति में बदलाव की वजह घर, स्वास्थ्य देखभाल और नौकरियों के मुद्दे थे। इसे देखते हुए इमिग्रेशन परमिट में 25 फीसदी की कटौती की गई है। स्थानीय लोगों को लगता है कि उनके प्रांत में रहने वाले अप्रवासी उनके हिस्से के अवसर छीन रहे हैं। यह गुस्सा छात्र वीजा पर आए युवाओं के लिए अधिक है। कनाडा में स्थायी निवास और नागरिकता के लिए छात्र वीजा का दुरुपयोग किया जाता है। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि विदेश के लोगों ने हमें बाहर कर दिया गया है। प्रिंस एडवर्ड द्वीप समूह में जो कुछ हो रहा है, वह कनाडा के दूसरे प्रान्तों में भी दिख रहा है।
नौकरियों को लेकर है सबसे ज्यादा गुस्सा, घर भी वजह
कार्ल्सैक पर एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड (पीईआई) में 2006 के बाद से अंतरराष्ट्रीय आप्रवासियों में भारी वृद्धि देखी गई है। पीईआई के लोगों को लगता है कि उनकी नौकरियां अप्रवासियों के पास जा रही हैं। एक स्थानीय शख्स ने इस पर कहा, ‘हमें यहां की समस्याओं को ठीक करने की जरूरत है। द्वीपों में सभी नौकरियां उन लोगों के पास जा रही हैं जो यहां से नहीं हैं।’
अप्रवासियों के खिलाफ इस नाराजगी की एक वजह जनसंख्या वृद्धि और आवास सुविधाओं की कमी भी है। मकानों के किराए में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। स्थानीय लोग अप्रवासियों की बड़ी संख्या के लिए पीईआई के नियमों को जिम्मेदार ठहराया। लचीले नियम होने की वजह से प्रवासियों के लिए यहां रहना आसान बना। लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि आप्रवासियों के कारण पीईआई में स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ा है। ऐसे में लोगों को लगता है कि नौकरियां कनाडाई प्रांत के मूल निवासियों को दी जानी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य देखभाल और आवास की समस्या को भी सुलझाया जाना चाहिए।
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