डेस्क: वॉट्सऐप ने पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ दायर मुकदमे में जीत हासिल की है. अमेरिकी कोर्ट में चल रहे इस मामले में जज ने व्हाट्सएप के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इस इजरायली कंपनी ने अमेरिकी हैकिंग कानूनों और वॉट्सऐप की सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है. वॉट्सऐप की जीत के साथ ही उसका यह दावा साबित होता है कि 1400 लोगों के फोन हैक किए गए. इन 1400 लोगों में से 300 प्लस भारत के हैं.
मेटा के मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने कहा था कि मई 2019 में पेगासस के जरिए फोन हैक किए गए. एनएसओ को मेटा को कितना जुर्माना देना होगा, यह अगले साल तय होगा. मगर इसी के साथ भारत में फोन टैपिंग पर फिर से बहस शुरू हो सकती है.
2021 में पेगासस का इस्तेमाल 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबरों पर करने का दावा किया था जिसमें मोदी सरकार के दो मौजूदा मंत्री, तीन विपक्षी नेता, कई पत्रकार और कारोबारी शामिल थे. हालांकि सरकार ने इसका खंडन किया था. पेगासस बनाने वाली कंपनी का कहना है कि वह केवल सरकारों और सरकारी एजेंसियों से ही डील करता है. अब जब अमेरिकी कोर्ट में एनएसओ केस हार गया है तब एक बार फिर भारत में इसकी पुरानी फाइलें खोली जा सकती हैं. हालांकि 2021 में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, भारत के निगरानी कानून यह सुनिश्चित करते हैं कि अनऑथराइज सुपरविजन न हो और टैपिंग की बातें गलत हैं.
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला, चली थी जांच इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पेगासस के इस्तेमाल के आरोपों के बीच दायर याचिकाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति बनाई थी. समिति के हाथ कुछ नहीं लगा था लेकिन उसने नोट दिया था कि केंद्र सरकार ने पैनल के साथ सहयोग नहीं किया. रिपोर्ट सीलबंद है और तब से इसे सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है.
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