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    पेगासस को पीएम ने ऑर्डर किया या गृह मंत्री ने – राहुल गांधी

  • October 27, 2021


    नई दिल्ली। पेगासस (Pegasus) के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा कि पेगासस को पीएम ने ऑर्डर किया (Ordered by PM Modi) या गृह मंत्री (Home Minister) ने।


    उन्होंने कहा है कि पेगासस को लेकर कोर्ट में जांच हो रही है, परन्तु हम चाहेंगे कि संसद में इसपर चर्चा हो। पेगासस को प्रधानमंत्री ने ऑर्डर किया है या गृह मंत्री ने ऑर्डर किया है। अगर प्रधानमंत्री ने हमारे ही देश पर किसी और देश से मिलकर हमारे देश पर आक्रमण किया है तो हम ये प्रधानमंत्री से सुनना चाहते हैं।
    सुप्रीम कोर्ट के एक ताजा फैसले के बाद पेगासस जासूसी कांड पर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर मुखर रहने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेस में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस से भारतीय लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया। यह एक बड़ा कदम है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वे इस मामले को देखेंगे। मुझे विश्वास है कि इससे सच्चाई सामने आ जाएगी।

    कांग्रेस नेता ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पिछले संसद सत्र के दौरान हमने पेगासस का मुद्दा उठाया था। आज, SC ने, हम जो कह रहे थे उसका समर्थन किया है। हम 3 सवाल पूछ रहे थे- पेगासस को किसने अधिकृत किया?, इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ किया गया और क्या किसी अन्य देश के पास हमारे लोगों की जानकारी तक पहुंच है। तब हमें जवाब नहीं मिला था।
    राहुल ने आगे कहा कि पेगासस का इस्तेमाल मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, भाजपा के मंत्रियों सहित अन्य के खिलाफ किया गया था। क्या पीएम और होम मिनिस्टर पेगासस के इस्तेमाल से डाटा प्राप्त कर रहे थे? अगर चुनाव आयोग, सीईसी और विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग का डेटा पीएम के पास जा रहा है, तो यह एक आपराधिक कृत्य है।
    उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मुद्दे पर विचार करना स्वीकार कर लिया है। हम इस मुद्दे को फिर से संसद में उठाएंगे। हम कोशिश करेंगे कि संसद में बहस हो। मुझे यकीन है कि भाजपा इस पर बहस करना पसंद नहीं करेगी।

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र द्वारा पेगासस को लेकर कोई विशेष खंडन नहीं किया गया। इसलिए हम एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करते हैं जिसका कार्य सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखा जाएगा। इस तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे और अन्य सदस्यों में आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे। कोर्ट ने विशेषज्ञों के पैनल से जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी।

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