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    पेगासस विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने वकील की खिंचाई की

  • August 05, 2021


    नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को अधिवक्ता (Lawyer) एम.एल. शर्मा की खिंचाई की (Pulls up), जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) को पेगासस जासूसी (Pegasus controversy) मामले में अदालत की निगरानी वाली एसआईटी (SIT) जांच की मांग करने वाली अपनी याचिका (Petition) में प्रतिवादी (Defendant) बनाया है।


    मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, “आपने कुछ व्यक्तियों (प्रधान मंत्री और गृह मंत्री को याचिका में प्रतिवादी के रूप में) शामिल किया है। हम इस तरह से नोटिस जारी नहीं कर सकते। चीजों का लाभ लेने की कोशिश मत करो , आपके पास पार्टियों का एक दोषपूर्ण ज्ञापन है।”
    शर्मा ने तर्क दिया था कि सरकार ने इस सॉफ्टवेयर के जरिए कंप्यूटर में सामग्रियों की जालसाजी की।
    पीठ ने जवाब दिया, “यह जनहित याचिका दायर करने का तरीका नहीं है, पेपर कटिंग के अलावा अन्य सामग्री कहां है।”
    शर्मा ने तर्क दिया कि उनकी याचिका तथ्यों पर आधारित है, न कि केवल समाचार पत्रों की कटिंग पर। पीठ द्वारा उनकी याचिका में व्यक्तियों को प्रतिवादी बनाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद, उन्होंने अपनी याचिका में पक्षकारों को प्रतिवादी के रूप में संशोधित करने पर भी सहमति व्यक्त की।

    सुनवाई के दौरान, एन. राम का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पेगासस एक दुष्ट तकनीक है, और यह पूरी तरह से अवैध है, क्योंकि यह टेलीफोन के माध्यम से हमारे जीवन में घुसपैठ करता है, और यह सुनता और देखता है। सिब्बल ने जोर देकर कहा कि यह निजता और मानवीय गरिमा पर हमला है।
    शीर्ष अदालत ने कहा कि बहुत सारी याचिकाएं हैं, और उसे यह देखना होगा कि उसे किन याचिकाओं पर औपचारिक नोटिस जारी करना है और किस पर नहीं। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से भारत संघ को प्रति देने को कहा और संकेत दिया कि केवल कुछ याचिका पर अदालतों केंद्र के विचारों को सुनने के बाद मंगलवार को नोटिस जारी कर सकती है।
    शर्मा की याचिका में कहा गया है, “पेगासस घोटाला गंभीर चिंता का विषय है और भारतीय लोकतंत्र, देश की सुरक्षा और न्यायपालिका पर हमला है। निगरानी का व्यापक उपयोग नैतिक रूप से विकृत है। इस सॉफ्टवेयर के राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थ बहुत बड़े हैं।”

    अदालत की निगरानी में जांच की मांग करते हुए शर्मा की याचिका में कहा गया है कि घोटाले में राष्ट्रीय सुरक्षा और न्यायिक स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। कई याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पेगासस स्नूपिंग स्कैंडल की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है।

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