नई दिल्ली । जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस विवाद (Spy Software Pegasus Controversy) पर भारतीय युवा कांग्रेस (Indian Youth Congress) ने सड़कों पर उतर (Took to the Streets) अपना विरोध दर्ज कराया (Protested) । इस डील पर एक विदेशी मीडिया की नई रिपोर्ट के बाद भारत में सियासी पारा बढ़ गया है। कांग्रेस ने एक बाद फिर केंद्र सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।
वहीं यह मांग उठाई कि, जल्द से जल्द जेपीसी द्वारा और सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी के तहत इस जासूसी कांड की जांच होनी चाहिए। युवा कांग्रेस के अनुसार, पेगासस सॉफ्टवेयर द्वारा जिस प्रकार से विपक्ष के नेताओं, न्यायाधीशों, मीडिया के साथियों व अन्य नागरिकों पर की गई जासूसी व ब्लैकमेलिंग की जो की अत्यंत ही गंभीर विषय है, जिसके अब प्रमाण भी सामने आ गए हैं।
पेगासस के मामले पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोकने का प्रयास किया, वहीं जब कार्यकर्त्ता नहीं माने को उन्हें हिरासत में भी लिया।इस दौरान भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने कहा कि, जब बेरोजगार ‘नौकरियों’ के लिए दर-दर की ठोकरें और लाठियां खा रहे थे, तब भारत के प्रधानमंत्री पेगासस खरीदने और जासूसी करने में व्यस्त थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी ने जुलाई 2021 में सरकार से दो सवाल पूछे थे, जिनके जवाब प्रधानमंत्री ने तो नहीं दिए लेकिन न्यूयॉर्क की रिपोर्ट से मिले, क्या हिंदुस्तान की सरकार ने पेगासस हथियार खरीदा? क्या इस हथियार का प्रयोग अपने लोगों पर किया? अब जवाब, एकदम साफ है।
कार्यकर्ताओं ने मीडिया के सामने अपनी राय रखते हुए कहा कि, संविधान और कानून, दोनों की हत्या मोदी सरकार द्वारा की जा रही है। प्रजातंत्र को पांव तले रौंदा जा रहा है। देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को दबाया जा रहा है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है, राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है।
हालांकि कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी का नाम बदल भारतीय जासूस पार्टी रखने को भी कहा, वहीं उन्होंने कहा कि, एनएसओ के मुताबिक पेगासस का इस्तेमाल सरकारों द्वारा उग्रवाद से लड़ने के लिए किया जाता है, जबकि हकीकत में मोदी जी के विरोधियों के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved