भोपाल। प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर का स्क्रीन शॉट वायरल होने के मामले में एक फिर सरकार की किरकिरी हो रही है। इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन पीईबी की करतूत जरूर सामने आई है। जानकारी के अनुसार पीईबी ने बैगलुरु की एडुक्विटी कंपनी को भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराने का ठेका दिया था। उसे भारत सरकार पहले ही प्रतियोगी परीक्षा कराने के लिए अनफिट घोषित कर चुकी है। एडुक्विटी कंपनी ने कमीशन लेकर परीक्षा कराने का जिम्मा साईं एजुकेयर को दिया था। हालांकि इस मामले में पीईबी और सरकार दोनों चुप हैं। बेंगलुरू की कंपनी एडुक्विटी को पीईबी ने ऑनलाइन परीक्षा कराने का काम सशर्त सौंपा है। पीईबी ने एजेंसी को परीक्षा के लिए एग्जाम सेंटर से बुकिंग लेकर परीक्षा कराने तक का काम खुद ही करने की शर्त रखी है, लेकिन एडुक्विटी ने वर्क ऑर्डर की शर्तों को दरकिनार कर काम राजस्थान के जयपुर से संचालित साईं एजुकेयर को दे दिया। अब परीक्षाओं के लिए एग्जाम सेंटर बुक करने से लेकर परीक्षा कराने तक का काम साईं एजुकेयर कर रही है। दोनों कंपनियां बीते पांच महीने से लगातार काम कर रही हैं।
केंद्र सरकार ने एडुक्विटी को अपात्र बताया
मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) ने एडुक्विटी कॅरियर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरू को ऑनलाइन एग्जाम के लिए अपात्र घोषित किया है। डीजीटी ने इसकी एक रिपोर्ट भी जारी की थी। इसमें देश की चार कंपनियों को कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए अपात्र घोषित किया गया था। बावजूद इसके पीईबी ने उसे ठेका दे दिया।
कांग्रेस हमलावर, सरकार से पूछा कौन है ‘लक्ष्मण सिंह’
भोपाल। शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर का स्क्रीन शॉट वायरल होने के मामले में बवाल मचा हुआ है। इस मामले में विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री सचिवालय के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर आरोप लगाए गए। मरकाम ने कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा और व्हिसिल ब्लोअर आनंद राय के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। अब कांग्रेस और हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार गड़बड़ी करने वालों को नहीं पकड़ रही है, जिन्होंने सवाल उठाए। उन पर ही मामला दर्ज कर दिया है। आखिर लक्ष्मण सिंह कौन है, इसका खुलासा होना चाहिए।
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