जबलपुर। सालीवाड़ा की पर्ल एवेन्यू कॉलोनी विवादों में घिर गयी है,जिससे इस कॉलोनी में प्लॉट-मकान खरीदने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। इस कॉलोनी के बिल्डर आयुष गुप्ता पर महिला द्वारा गंभीर आरोप लगाए गये हैं। बिल्डर का दुस्साहस है कि उसने व्यवहार न्यायालय में प्रकरण लंबित होने पर भी जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर किया। कजरवारा की नई बस्ती की रहने वाली इंद्राबाई ने बिल्डर गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने शासन को गुमराह करते हुये एक ही भूखंड से जुड़ी अलग-अलग जानकारियां पेश की हैं,जो विरोधाभासी हैं। शिकायतकर्ता ने बिल्डर पर कार्रवाई करने के लिए थाना प्रभारी बरेला एवं तहसीलदार कार्यालय बरेला से आग्रह किया है।
दो विभागों को धोखा दे रहा बिल्डर
आरोपित है सदर निवासी बिल्डर आयुष गुप्ता ने जहां एक ओर उप-पंजीयक कार्यालय को जिस भूमि को बटांकित बताया है,लेकिन उसी जमीन के बटांकन के लिए तहसीलदार कार्यालय बरेला में के समक्ष आवेदन भी प्रस्तुत किया है। यानी अभी बटांकन नहीं हुआ है,लेकिन पंजीयन कार्यालय में बकायदा बटांकित बताकर चौहद्दी भी बताई गयी है। इन दोनों कार्यालयों के समक्ष अलग-अलग दस्तावेज प्रस्तुत करने से बिल्डर की नीयत पर स्वाभाविक तौर पर संदेह पैदा हो रहा है। शिकायत में बिल्डर द्वारा पेश किए गये दस्तावेजों की निष्पक्ष जांच की मांग की गयी है ताकि विभाग गुमराह होने से बच सकें।
कौन सी जमीन,क्या है विवाद
जिस जमीन को लेकर विवाद है, वो ग्राम सालीवाड़ा, पटवारी हल्का नं.- 76, राजस्व निरीक्षक मंडल खम्हरिया में स्थित है। शिकायत के अनुसार, खसरा नं.- 390/1 रकबा- 0.96 हेक्टेयर एवं खसरा नं.- 390/2 रकबा 0.96 हेक्टेयर, खसरा नं-99 रकबा- 0.010 हेक्टेयर, खसरा नं.- 99/2 रकबा-0.020, खसरा नं. 143/1 रकबा- 0.010 हेक्टेयर एवं खसरा नं 143/2, रकबा-0.0500 हेक्टेयर। आरोपित है कि इस भूमि को लेकर सदर के मोदीबाड़ा सदर निवासी आयुष गुप्ता पिता प्रमोद कुमार गुप्ता द्वारा जालसाजी कर फर्जी दस्तावेज पेश किए गये हैं। जिनका कोई आधार नहीं है।
बिना सहमति बटांकन अवैधानिक
शिकायत में महिला इंद्राबाई ने बताया है कि राजस्व नियमों के अनुसार बटांकन(बंटवारा) तभी वैधानिक रूप से मान्य होता है,जब वो सभी पक्षों की सहमति से किया जाए। इस मामले में भी धारा-178 के तहत सहमति न होने के कारण बटांकन की कार्रवाई को रोक देना चाहिए ताकि सभी पक्षों के साथ न्याय हो सके। महिला ने बरेला तहसीलदार कार्यालय को भी इन तथ्यों एवं दस्तावेजों से अवगत कराया है। जिस पर तहसीलदार ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
विक्रय पत्र को कोर्ट में किया चैलेंज
शिकायत में इंद्राबाई ने जानकारी दी है कि ये भूमि विगत में प्रीतल लाल महोबिया के नाम पर थी। शिकायत के अनुसार, 7 मार्च 2024 को आयुष गुप्ता के पक्ष में निष्पादित विक्रय पत्र को शून्य घोषित करने के लिए सत्ताईसवां व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड, जबलपुर के न्यायालय में दावा पेश किया गया है,जिसकी सुनवाई जारी है। जिसका वाद क्रमांक 855-ए/2024 है। शिकायत के अनुसार आयुष गुप्ता ने 7 मार्च 2024 के विक्रय पत्र खसरा नं.- 390/1/1 रकबा 0.7680 हेक्टेयर, खसरा नं.- 390/ 2/1 एवं रकबा 0.7680 हे. कुल रकबा 1.536 हेक्टेयर भूमि क्रय की गई है तथा विक्रय पत्र के पेज क्र.- 7 में इस बात का उल्लेख है कि भूमि का बटांकन हो चुका है तथा विक्रय पत्र के साथ संपत्ति का नक्शा भी प्रस्तुत किया गया है। जिसमें बिल्डर ने स्वंय ही बटांकन को दर्शित किया गया है,जो कानूनी रूप से अवैध है।
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