नई दिल्ली । देश में कोरोना वायरस (corona virus) के मामलों में कमी आने के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या संक्रमण (Infection) की गति धीमी पड़ रही है? ऐसे में एक सवाल यह भी सामने आ रहा है कि जनवरी के अंत (end of january) में कोरोना के चरम पर पहुंचने की जो बात जो विशेषज्ञ कर रहे थे, क्या उनका अनुमान गलत था? नए आंकलनों की मानें, तो भारत (India) में कोविड-19 का चरम अब आगामी 23 जनवरी को आ सकता है. कहा जा रहा है कि इस दौरान देश में 7 लाख से अधिक मामले आने की संभावना है.
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,58,089 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,73,80,253 हो गई. संक्रमण के कुल मामलों में कोरोना वायरस के ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के 8,209 मामले भी शामिल हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अपडेट आंकड़ों के अनुसार, देश में 29 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में अभी तक कोरोना वायरस के ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के 8,209 मामले सामने आए हैं. इनमें से 3,109 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं.
कोविड-19 से मृत्यु दर 1.30 प्रतिशत
आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 19.65 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 14.41 प्रतिशत दर्ज की गई. देश में अभी तक कुल 3,52,37,461 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.30 प्रतिशत है, जबकि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 94.27 प्रतिशत है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ‘ओमिक्रॉन’ के महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,738 मामले सामने आए, इसके बाद पश्चिम बंगाल में 1,672, राजस्थान में 1,276, दिल्ली में 549, कर्नाटक में 548 और केरल में 536 मामले सामने आए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, हरेक संक्रमित के नमूनों का जीनोम अनुक्रमण मुमकिन नहीं है, लेकिन इस मौजूदा लहर में अधिकतर मामले ‘ओमिक्रॉन’ के ही हैं.
IIT कानपुर ने कोरोना के चरम को लेकर किया दावा
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि फरवरी के अंत तक भारत में कोविड-19 की मौजूदा लहर लगभग खत्म हो जाएगी. आईआईटी कानपुर के ‘सूत्र’ मॉडल की मानें तो जनवरी के आखिरी हफ्ते में देश में कोरोना संक्रमण का अपने चरम पर होगी.
वहीं, इस बारे में एक्सपर्ट और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि देश के मेट्रो सिटी को लेकर सूत्र मॉडल में जो आंकलन किये गए थे, वो सही नहीं रहे. इसके पीछे उन्होंने ये तर्क दिया कि कोरोना टेस्ट को लेकर जो नई गाइडलाइंस आई है उसकी वजह से परीक्षण कम हो रहे हैं और इसीलिए मामले भी कम आ रहे हैं. उदाहरण के लिए देखें, तो दिल्ली में कोरोना संक्रमण का चरम 15 से 16 जनवरी को बताया गया था. गणितीय मॉडल के हिसाब से इस वक्त रोज करीब 45 हजार मरीज आने थे. लेकिन इस दौरान संक्रमित मरीजों की संख्या 28 हजार के करीब ही रही.
मुंबई में कोरोना के चरम को 12 जनवरी की तारीख बताई गई थी. कोरोना मामलों को लेकर ये आंकलन करीब 72% तक सही नजर आया है. इसी तरह 13 जनवरी को कोलकाता में संक्रमण का पीक बताया गया था और ये आंकलन भी करीब 70 प्रतिशत तक सही साबित हुआ. बेंगलुरु में कोविड-19 संक्रमण का पीक 22 जनवरी को आने वाला है. अनुमान जताया जा रहा है उस दौरान प्रदेश में हर रोज 30 हजार मामले सामने आएंगे.
‘देश में अब तक वैक्सीन की 157.91 करोड़ से अधिक खुराक दी गई’
भारत में सोमवार को कोविड-19 रोधी टीकों की 68 लाख से अधिक खुराक दी गईं. इसके साथ ही देश में अब तक टीकों की 157.91 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
इस आंकड़े के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चा कर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कोविड-19 रोधी टीकों की 50 लाख से अधिक एहतियाती खुराक दी गयीं. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अबतक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,57,91,63,478 खुराक दी जा चुकी हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved