नई दिल्ली । Champions Trophy 2025 को लेकर हर घंटे नई-नई रिपोर्ट(The latest report) सामने आ रही हैं। इन सभी में एक बात कॉमन है कि भारतीय टीम इस टूर्नामेंट (Indian team in this tournament)को खेलने के लिए पाकिस्तान (Pakistan to play)नहीं जाएगी। टीम इंडिया चाहती है कि चैंपियंस ट्रॉफी को हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित किया जाए। भारत के सभी मैच दुबई में आयोजित किए जाएं, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी इसके लिए तैयार नहीं है। उनको पाकिस्तान सरकार का भी समर्थन मिल रहा है। हालांकि, इस समय पीसीबी और आईसीसी के पास क्या विकल्प हैं, वह जान लीजिए।
क्रिकबज के मुताबिक, पाकिस्तान में एक टीवी चैनल पर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर डिबेट हुई, जिसमें एक पैनलिस्ट ने तर्क दिया कि भारत को हटाकर श्रीलंका को टूर्नामेंट में शामिल किया जाए और पूरा टूर्नामेंट पाकिस्तान में आयोजित किया जाए। इस पर एक अन्य पैनलिस्ट ने जवाब दिया कि आप एक ऐसे प्लेयर को बाहर नहीं रख सकते, जिसके पास बैट और बॉल है। आप भारत को बाहर नहीं कर सकते, जिस पर वर्ल्ड क्रिकेट डिपेंड है। यहां तक कि ब्रॉडकास्टर भी आईसीसी इवेंट का इस समय भारतीय ही है।
1996 के बाद पाकिस्तान के पास आईसीसी इवेंट आयोजित करने का मौका है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि करीब 30 साल के बाद भी पाकिस्तान में ये आईसीस इवेंट आयोजित नहीं होगा। भारतीय टीम पाकिस्तान जाने के लिए तैयार नहीं…पाकिस्तान टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित करने के लिए तैयार नहीं है…ऐसे में आईसीसी और पीसीबी के सामने क्या विकल्प हैं, उन पर एक नजर डाल लीजिए…
1. या तो पीसीबी हाइब्रिड मॉडल पर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के लिए सहमत हो और 15 में से पांच मैच यूएई में खेले जाएं।
2. या तो चैंपियंस ट्रॉफी को पाकिस्तान से बाहर शिफ्ट किया जाए और इस स्थिति में पीसीबी से प्रतियोगिता की मेजबानी छिने या खुद पीसीबी हटे।
3. या तो चैंपियंस ट्रॉफी को अनिश्चित काल के लिए पोस्टपोन कर दिया जाए।
4. या फिर चैंपियंस ट्रॉफी को बिना टीम इंडिया के आयोजित किया जाए।
अगर पाकिस्तान ऑप्शन 1 को चुनता है तो भी फायदे में रहेगा, क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी से होस्टिंग राइट्स की मोटी फीस करीब 65 मिलियन यूएस डॉलर मिलेगी। अगर पाकिस्तान दूसरे, तीसरे या चौथे विकल्प में से किसी एक भी चुनता है तो पाकिस्तान के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी, क्योंकि आईसीसी बिना भारत के टूर्नामेंट को आयोजित करने के पक्ष में नहीं होगा। पोस्टपोन करने का विकल्प भी आईसीसी नहीं चुनेगी और पूरे टूर्नामेंट के शिफ्ट होने पर आईसीसी पीसीबी पर ऐक्शन भी ले सकती है।
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