नई दिल्ली (New Delhi)! संकट में फंसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के खिलाफ बुधवार को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) जांच की रिपोर्ट्स सामने आई थीं. कंपनी ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए बुधवार शाम को कहा कि पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) ने हमेशा अधिकारियों को जांच में सहयोग दिया है. हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि पेमेंट्स बैंक ने कभी भी विदेश पैसा भेजने का काम नहीं किया है.
हमारे नहीं मर्चेंट्स के खिलाफ चल रही जांच
कंपनी ने आधिकारिक बयान में कहा कि वन 97 कम्युनिकेशंस और उसकी सहयोगी कंपनियों ने ईडी समेत सभी एजेंसियों को सूचना, दस्तावेज और बयान दिए हैं. हमारी सहयोगी कंपनियां सभी तरह के सवालों के जवाब दे रही हैं. पेटीएम पेमेंट्स बैंक आउटवार्ड फॉरेन रेमिटेंस नहीं करता है. हमने 5 फरवरी को स्पष्ट किया था कि हमारे खिलाफ ईडी द्वारा कोई जांच नहीं की जा रही है. कुछ समय पहले हमारे प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मर्चेंट्स के खिलाफ जांच शुरू की गई थी. इस जांच में पेटीएम की तरफ से पूरा सहयोग किया जा रहा है. हम सेबी (SEBI) के समक्ष हर जानकारी देते रहते हैं.
पेटीएम के शेयर में फिर लगा लोअर सर्किट
इससे पहले बुधवार सुबह कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ लगे आरोपों की ईडी जांच शुरू हो गई है. इस खबर के आने के बाद पेटीएम के शेयर लोअर सर्किट को छूकर 342.15 रुपये पर बंद हुए. यह इसका ऑलटाइम लो लेवल है. पेटीएम के शेयर 52 हफ्ते के निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं. वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर दोनों प्रमुख शेयर बाजारों में पहली बार 350 रुपये से नीचे गिर गए हैं.
आरबीआई ने रिव्यु से किया इनकार
इससे पहले आरबीआई (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को झटका देते हुए कहा था कि वह अपने फैसले का रिव्यु नहीं करेगा. साथ ही बैंक की इंडिपेंडेंट डायरेक्टर मंजू अग्रवाल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पेटीएम को उम्म्मीद थी कि आरबीआई अपने फैसले पर फिर से विचार करेगा और फिनटेक कंपनी को कुछ राहत मिल पाएगी.
डिपॉजिट लेने पर लगा दी है रोक
31 जनवरी की शाम पेटीएम के लिए एक बुरा सपना बनकर आई जब भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ज्यादातर सेवाओं को 29 फरवरी के बाद से बंद करने का आदेश दे दिया. इसके तहत आरबीआई ने पेटीएम की यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी कस्टमर अकाउंट, प्रीपेड प्रोडक्ट, वॉलेट और फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद डिपॉजिट या टॉप-अप स्वीकार ना करने का निर्देश दिया था.
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