नई दिल्ली (New Delhi)। धनशोधन (money laundering) संबंधी चिंताओं और वॉलेट पेटीएम (Wallet Paytm.) तथा इसकी बैंकिंग शाखा (Banking branch.) के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन (Suspicious transactions worth hundreds of crores of rupees) के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) को विजय शेखर शर्मा की ओर से संचालित इकाइयों पर शिकंजा कसना पड़ा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
आरबीआई (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) (Paytm Payments Bank Limited (PPBL) को 29 फरवरी के बाद सड़क टोल का भुगतान करने के लिए फास्टैग में अतिरिक्त जमा लेने, क्रेडिट लेनदेन करने और किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपैड उपकरणों, वॉलेट और कार्ड पर टॉप-अप करने सहित अधिकतर व्यवसाय को रोकने का आदेश दिया है। आरबीआई के मुताबिक, यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्टों से भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं। आरबीआई ने पहले 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था।
वन97 कम्युनिकेशंस की 49% हिस्सेदारी
आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को बखातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति किसी प्रतिबंध के बगैर दी जाएगी। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
फर्जी खातों के में निष्क्रिय उपयोग की आशंका
सूत्रों ने बताया कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या उपयोग फर्जी खातों के लिए किए जाने की आशंका है। ऐसे में केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हुई है, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट धारकों को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा।
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