लाहौर। कंगाल पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था कर्ज लेकर जैसे तैसे चला रहा है। पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि उसे कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है। कभी अरब तो कभी चीन जरूर पाकिस्तान को आर्थिक मदद कर देते हैं, लेकिन कर्ज लगातार बढ़ता ही गया है। इसी बीच आईएमएफ की ओर अब पाकिस्तान टकटकी लगाए हुए है। आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज के लिए पाकिस्तान भरसक कोशिश कर रहा है। इसके लिए अक्टूबर के अंत में आईएमएफ का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान आएगा और तीन महीने के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा करेगा। जब तक समीक्षा पूरी नहीं हो जाती है, तब तक पाकिस्तान की सांसें अटकी रहेगी।
तीन महीनों के आर्थिक प्रदर्शन की करेगा समीक्षा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के चालू वित्त वर्ष के तीन महीनों के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए पाकिस्तान जाएगा। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए आईएमएफ अपना एक प्रतिनिधिमंडल अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में देश भेजेगा। मीडिया की एक खबर में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
कई सुधारों पर की जाएगी चर्चा
समाचारपत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया कि आईएमएफ मिशन के साथ बैठक के दौरान कार्यवाहक सरकार कर और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों पर चर्चा करेगी। खबर के अनुसार, एक बार आर्थिक समीक्षा सफलतापूर्वक पूरी होने और बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान को आईएमएफ से 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अगली किस्त मिलेगी। आईएमएफ ने तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज के तहत जुलाई में पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर दिए थे।
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