इंदौर। उम्मीदवार मैदान में न होने के बावजूद इंदौर संसदीय क्षेत्र के हर पोलिंग बूथ पर कांग्रेस का पोलिंग एजेंट बैठाने और बूथ के बाहर कांग्रेस की टेबल लगने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का फार्मूला उनके ही गृहनगर में दम पकड़ता नजर नहीं आ रहा है। इस मामले में आधी-अधूरी स्थिति है। अभी तक की जो तैयारी यहां के बड़े नेताओं और विधानसभा चुनाव में पराजित नेताओं ने की है, उसके मुताबिक ज्यादातर बूथ पर पार्टी के पोलिंग एजेंट बैठेंगे। बूथ के बाहर टेबल लगाने के मामले में विधानसभा प्रभारी और अन्य नेताओं ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष की मंशा थी कि हर बूथ पर कांग्रेस का पोलिंग एजेंट बैठे और बूथ के बाहर पार्टी की टेबल भी लगे। इसके लिए उन्होंने खुद निर्दलीय उम्मीदवारों से बात की थी और स्थानीय नेताओं को उनसे तालमेल कर निर्वाचन कार्यालय संबंधी औपचारिकता पूर्ण करने का कहा था। शहर और जिला कांग्रेस की निष्क्रियता के चलते प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों और संबंधित विधानसभा क्षेत्र के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी थी। मतदान के तीन दिन पहले का जो परिदृश्य सामने आ रहा है, उसके मुताबिक अधिकतर पोलिंग बूथ पर पोलिंग एजेंट बैठाने संबंधी कागजी औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया गया है। जिन लोगों को बूथ पर बैठना है और जो रिलीवर की भूमिका में रहेंगे, उनकी सूची तैयार हो गई है और जिला निर्वाचन कार्यालय से कागजी औपचारिकता पूर्ण की जा रही है।
बूथ के बाहर भी कांग्रेस की टेबल लगवाने का प्रदेश अध्यक्ष का फार्मूला इंदौर में फेल हो गया है। विधानसभा क्षेत्र प्रभारी तथा क्षेत्र के प्रमुख नेताओं ने इस मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं। इस काम में लगने वाला खर्च उठाने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। पार्टी नेताओं का कहना है कि टेबल लगाने के मामले में निर्दलीय प्रत्याशियों से तालमेल जमाना बहुत टेढ़ा काम है। कुछ निर्दलीय प्रत्याशी इसके लिए भी तैयार भी हो गए थे, पर उनका कहना था कि हमारे कार्यकर्ता भी इन टेबलों पर कांग्रेसियों के साथ बैठेंगे। इसी पर बात बिगड़ गई।
प्रदेश अध्यक्ष ने कर दी फंड की व्यवस्था
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मतदान के दिन बूथ मैनेजमेंट में होने वाला खर्च खुद उठा लिया है। प्रति बूथ 2000 रु. के मान से उन्होंने पैसा भिजवा दिया था, जिसे सज्जनसिंह वर्मा और शोभा ओझा ने विधानसभा प्रभारी के माध्यम से वितरित करवाने का इंतजाम किया है। इंदौर एक में दीपू यादव, इंदौर दो में चिंटू चौकसे और राजेश चौकसे, इंदौर तीन में अश्विन जोशी, पिंटू जोशी, इंदौर चार में सुरजीत चड्ढा, इंदौर पांच में सत्यनारायण पटेल, अमन बजाज, सांवेर में रीना बौरासी और देपालपुर में मोतीसिंह पटेल के माध्यम से बूथ मैनेजमेंट की फंडिंग की जाएगी। राऊ में यह कार्य प्रदेश अध्यक्ष अपने समर्थकों के माध्यम से करवाएंगे।
चड्ढा से खफा पटवारी
सूत्रों के मुताबिक पटवारी शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा से बहुत खफा हैं और इसी के चलते उन्होंने चड्ढा को एक विधानसभा क्षेत्र में सीमित कर दिया है और वहां भी उनके कामकाज पर निगरानी के लिए अपने समर्थकों को तैनात किया है।
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