उज्जैन। शहर सहित पूरे प्रदेश के पटवारियों ने सरकार के खिलाफ काला मास्क व काली पट्टी बांधकर विरोध के बाद अब अपने आपको प्रशासकीय वॉट्सऐप से एक्जिट कर दिया है, यानी अब वे प्रशासन के वॉट्सऐप हुक्म की तामीली नहीं करेंगे। विरोध आंदोलन के बाद भी सरकार मांगें नहीं मानती है तो 2 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर जाने के साथ ही रैली निकालेंगे।
पटवारियों ने बताया कि निरंतर 13 दिनों तक विरोध करने के बाद भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए जिला प्रशासन के सभी ग्रुप को पटवारियों ने लेफ्ट कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया पर तहसील स्तर, जिला स्तर और भू-अभिलेख के कार्यों के लिए प्रशासनिक ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप पर प्रतिदिन एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों द्वारा रोजमर्रा के कार्यों का उल्लेख करते हुए आदेशित किया जाता है कि किस पटवारी, राजस्व निरीक्षक सहित अन्य अधिकारियों को आज किस क्षेत्र में क्या-क्या कार्य करना है और शाम को प्रगति रिपोर्ट भी डाली जाती है। इंदौर जिले के लगभग सभी पटवारी इन सभी ग्रुपों से लेफ्ट हो गए हैं। इसके साथ ही भू-अभिलेख के कार्य को छोड़कर सारे काम भी बंद कर दिए हैं। पटवारियों की मांगें हैं कि उन्हें पे ग्रेड 2800 रुपए किया जाए। पटवारियों की कार्यपालिक एवं तकनीकी पद घोषित कर योग्यता स्नातक की जा चुकी है, लेकिन उन्हें तकनीकी पद का ग्रेड का लाभ नहीं मिल रहा है। अगर इसके बाद भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो आगामी 2 अगस्त से तीन दिवस तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। 3 अगस्त को रैली निकालेंगे एवं 4 अगस्त को समस्त ऑनलाइन के कार्यों का बहिष्कार करेंगे। 5 अगस्त से कामबंद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
सीमांकन, जाति व बीपीएल प्रमाण पत्रों की जांच सहित कानून व्यवस्था प्रभावित
पटवारियों द्वारा पिछले कई दिनों से भू -अभिलेख के कार्यों को छोड़ सारे कार्य बंद कर दिए गए हैं, जिसके कारण सीमांकन का कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा बीपीएल व जाति प्रमाण पत्रों की जांच और बैंक व डायवर्शन वसूली सहित अन्य कार्य भी बंद हैं। इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर का कार्य भी पटवारी नहीं कर रहे हैं।
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