इन्दौर। जमीनों का रकबा चढ़ाने, क्षेत्रफल लिखने तहसीलदार द्वारा जारी किए गए आदेशों को अपलोड करने, छोटे-छोटे मामलों में पटवारी से लेकर ऑपरेटर तक बड़ी गलतियां कर रहे हैं। इसमें सुधार के लिए तकनीकी सलाहकारों सहित ई गवर्नेंस ने ट्रेनिंग दी।
जमीनों के बंटवारे हो जाने के बावजूद भी बंटवारा नहीं चढ़ाने, नामांतरण के आदेश को गलत तरीके से चढ़ा देना, गलत रकबा लिख देना, क्षेत्रफल के आधार पर गलतियां करने जैसी छोटी-छोटी, लेकिन आवेदकों के लिए बड़ी त्रुटियां आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से मिल रही सुविधाओं पर रोक लगा रही हैं। आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से नामांतरण जैसे कई दस्तावेज आसानी से किसानों और जमीन का सौदा करने वालों को मिल रहे थे, लेकिन इन गलतियों के चलते सीएम हेल्पलाइन और विभागों में आवेदनों का अंबार लगने लगा है। पटवारी और ऑपरेटर द्वारा की जा रही गलतियों की बढ़ती संख्या को देखकर ई गवर्नेंस विभाग ने पटवारियों और ऑपरेटरों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया।
2 सत्रों में हुई ट्रेनिंग में गौरव नंदवाल तकनीकी सलाहकार इंदौर डिविजन ने बारीकी से पटवारियों को आरसीएमएस पोर्टल ऑपरेट करना सिखाया। कविता विश्वकर्मा सहायक इगवर्नेंस प्रबंधक ने बताया कि लंबे समय से शिकायते आ रही थीं। ट्रेनिंग में पटवारियो ने भी कई तरह जानकारी ली। मूलरूप से ऑपरेटर कई तरह की गलतियां कर रहे थे, जिनके कारण आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ज्ञात हो कि हाल ही में शिप्रा तहसील के ऑपरेटर द्वारा नामांतरण के दस्तावेजों के स्थान पर कोरे कागज डाले जा रहे थे, जिसके बाद कई तरह के आवेदक शिकायत लेकर पहुंचे। हालांकि ऐसे मामलों में लेनदेन का विवाद भी सामने आया था, लेकिन ऑपरेटर की गलती भी निकली, जिसके बाद 1 घंटे के अंदर सुधार किया गया।
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