इंदौर। हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किए गए नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे से मिलने के लिए आज सेंट्रल जेल में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी पहुंचे। उन्होंनेे कहा कि यह प्रकरण राजनीतिक साजिश है, जिसके खिलाफ आखरी दम तक कांग्रेस लड़ती रहेगी। गौरतलब है कि भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के प्रतिनिधि कपिल पाठक से टैंकर हटाने को लेकर चिंटू चौकसे के परिजनों का विवाद हो गया था। इस विवाद में दोनों पक्षों में मारपीट हुई, जिसमें कपिल पाठक और रोहन को गंभीर चोटें आईं और उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने चिंटू चौकसे समेत करीब 8 लोगों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया, वहीं चिंटू चौकसे के परिजनों की ओर से भी कपिल पाठक और उनके परिवार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया गया। जेल में मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने कहा कि भाजपा पल-पल लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
इन्दौर में कल जो हुआ, वह इसका जीता जागता उदाहण है, क्योंकि जो व्यक्ति विवाद के दौरान वहां नहीं था उसे भी हत्या के प्रयास का आरोपी बना दिया, वहीं प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोक तंत्र की हत्या के कई प्रकार होते हैं, जिसमें एक पक्ष यह होता है कि विपक्ष के नेताओं को डराना-धमकाना अलग प्रकार की यातनाएं देना। नेता प्रतिपक्ष पर भाजपा के दबाव में इस लिए हत्या के प्रयास की धाराएं लगाई कि वे लगातार नगर निगम में हो रहे घोटालों को जनता के सामने ला रहे थे। जनता की आवाज उठाने वालों को भाजपा षडयंत्र के तहत जेल भेज रही है, अब इन्दौर की जनता को जागना होगा और इन मत के मद में चूर भाजपाईयों की अक्ल ठिकाने लगाने के लिए कांग्रेस का साथ देना होगा। दोनों नेताओं ने इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी इस मामले में चिंटू चौकसे और उनके परिवार के साथ खड़ी है।
खरबूजा चला… चाकू से भिड़ने…
खरबूजा चाकू पर गिरे या चाकू खरबूजे पर चले…कटना खरबूजे को ही है… यह बात सभी जानते हैं, पर खरबूजा है कि मानता ही नहीं… हर बार कटने चला आता है… अपने घर की गली से गुजर रहे निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के भतीजे को भाजपाई नेता का रास्ते में खड़ा… खड़ा नहीं, बल्कि अड़ा टैंकर खटक गया… और खटक क्या गया, कई दिनों से खटक रहा था… लिहाजा आवाज ऊंची हुई… फिर चिल्लाचोट में बदली और ललकारना, धमकाना शुरू हो गया… भतीजे को चाचा के पद का रुतबा था तो चाचा को अपने इलाके का रौब… फिर क्या था, चाचा-भतीजे अड़े तो भाजपाई भी लड़े और बातचीत ललकार से यलगार तक जा पहुंची… दोनों पक्षों में हथियार चले… खबर लगते ही चिंटू के कांग्रेसी तो टैंकर वाले भाजपाई ताकत दिखाने जा पहुंचे… फिर क्या था, ताकत के निशान दोनों ही पार्टी के नेताओं के चेहरों से लेकर शरीर तक पर नजर आने लगे…
कुछ जख्मी हुए तो कुछ गंभीर… बात खाकी तक पहुंची तो खाकी को अपना फर्ज निभाना ही था… जो उन्होंने निभाया और चाकू की धार को सलाम कर खरबूजा, यानी चिंटू और उनके हिमायतियों को जेल पहुंचा दिया… यह एक घटना नहीं सबक है… खरबूजों को छिपते-छिपाते, लाज बचाते बिना सड़कों पर गोते लगाए दुबककर रहना चाहिए और समझना चाहिए कि वो कोई पुजारी तो हैं नहीं कि कान उमेठने के जुर्म में ही विधायक और उनके पुत्र सहित पूरी पार्टी धोक लगाने पहुंच जाएगी… वो नेता हैं और वो भी कांग्रेसी… कसम खाए भाजपाई चुन-चुनकर मारेंगे के अंदाज में राहुल-सोनिया का पानी उतारने में देर नहीं लगाते हैं तो इलाके के पार्षद कौन सी गंगा बहाने की ताकत आजमा सकते हैं… देश में लोकतांत्रिक माहौल बदल चुका है… अब तो नेता भी जिसकी शक्ति उसकी भक्ति के अनुसार दलबदल करते हैं… जो विरोध में रहते हैं वो या तो खामोश रहते हैं और जो जुबान खोलते हैं उनकी जुबान पर पुलिस से लेकर तमाम जांच एजेंसियां ऐसा अंगारा धरती हंै कि बोलना तो दूर खाने तक लाले पड़ जाते हैं… इसलिए टैंकर सड़क पर खड़ा हो या सर पर…साष्टांग करो और बचकर निकल जाओ और यदि टैंकर हटवाना हो… अपना घर बचाना हो… मुंह खोलने की आजादी पाना हो तो कांग्रेस छोड़ो भाजपा में शामिल हो जाओ…
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