इंदौर, विशेष संवाददाता। जिस व्यक्ति ने इंदौर में लोकतंत्र की हत्या की, हमारे उम्मीदवार से सत्ता के दम पर्चा वापस करवा लिया, जिस महकमे के वे मंत्री हैं उसके तहत आने वाले इंदौर नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है, सरकारी पैसे से पौधारोपण को खुद के महिमा-मंडन का इवेंट बना लिए, उस नेता का पवित्र गांधी भवन में इस तरह स्वागत-सत्कार बेहद आपत्तिजनक था। यह दर्द है प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का।
बकौल पटवारी, विजयवर्गीय गांधी भवन राजनीतिक पर्यावरण सुधारने नहीं आए थे, बल्कि राजनीति करने आए थे और हमें भी उन्हें उनकी ही शैली में जवाब देना था। वहां मौजूद हमारे शहर अध्यक्ष और दूसरे नेताओं को उनसे सवाल-जवाब करना थे। जनता से जुड़े मुद्दे उनके सामने रखना थे। हम तो उनके आदर-सत्कार में ही इतने मशगूल हो गए कि अपनी बात ही नहीं रख पाए। इसी गलती की सजा शहर अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को पार्टी ने दी थी। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। दोनों का जवाब मिल गया है और अब पार्टी में तय होगा कि इस मामले में आगे क्या किया जाए।
यह पूछे जाने पर कि दोनों नेताओं को जारी नोटिस 9 दिन बाद सार्वजनिक क्यों किया गया, पटवारी बोले- संगठन के कामकाज का अपना तरीका रहता है। 20 तारीख को भंवर जितेंद्रसिंह की मौजूदगी में हुई पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में हुए निर्णय के बाद उसी दिन दोनों को नोटिस जारी कर दिया गया था। जरूरी नहीं कि हर बात मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक हो। दोनों को नोटिस मिल गया था, उन्होंने जवाब दे दिया है। यह भी नहीं माना जाना चाहिए कि हम उन्हें पार्टी से निकलने की तैयारी में हैं। गलती की थी, सजा दे दी है।
आगे क्या करना है यह पार्टी में मिल-बैठकर तय होगा। पटवारी ने दोहराया कि जब विजयवर्गीय गांधी भवन आए थे, तब उनके आने की जानकारी मुझे शहर अध्यक्ष ने दी थी। मैंने तभी उनसे कहा था कि वे राजनीति करने आ रहे हैं और आप भी राजनीति करने से पीछे मत हटना। मैंने कुछ मुद्दे भी उन्हें सुझाए थे और कहा था कि इन पर मंत्रीजी से बात जरूर करना, लेकिन हमारे नेता उनसे इतने अभिभूत हो गए कि हां में हां मिलाते रहे और कुछ पूछा ही नहीं। यह पूरी तरह गलत है। हम विपक्ष की राजनीति कर रहे हैं तो हमें एक दमदार विपक्ष की भूमिका निभाना होगी और यह संदेश जनता तक जाना चाहिए। भाजपाइयों के गांधी भवन आने के मामले में हमारे नेता यह संदेश देने में विफल रहे। विजयवर्गीय नगरीय प्रशासन विभाग के मंत्री हैं। उनके सामने इस विभाग से जुड़ी बातें रखी जाना चाहिए थी। नगर निगम में अलग-अलग स्तर पर जो भ्रष्टाचार चल रहा है उस पर सवाल होना चाहिए थे। यदि वे पौधारोपण की बात करने आए थे तो उनसे पूछा जाना चाहिए था कि पिछली सरकार के दौर में जो साढ़े 6 करोड़ पौधे रोपे गए उनका क्या हुआ? इस बार सरकारी खर्च पर पौधारोपण का जो इतना बड़ा इवेंट हो रहा है उसमें लगाए जा रहे पौधों की सुरक्षा की क्या गारंटी? लेकिन हम उन्हें समोसे और गुलाब जामुन खिलाने में ही लग रहे, बजाय कुछ पूछने के।
दोनों का हटना तय, प्रदर्शन से भी दूर किया
सूत्रों के मुताबिक चड्ढा और यादव का शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटना तय है। इस बारे में फैसला जल्दी ही हो जाएगा। पार्टी के प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्रसिंह भी दोनों को पद पर रखने के पक्ष में नहीं हैं। चड्ढा को अपना रुख तो वह पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक के दौरान ही स्पष्ट कर चुके हैं। 6 अगस्त को इंदौर में होने वाले कांग्रेस के जंगी प्रदर्शन से भी दोनों को दूर कर दिया गया है। इस आयोजन के सारे सूत्र पहले से ही पटवारी ने अपने हाथ में ले रखे हैं।
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