भोपाल। खून से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अगर वे निजी अस्पताल में भर्ती हैं तो उन्हें सरकारी ब्लड बैंक से रक्त नि:शुल्क मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ सीएमएचओ को इस आशय के निर्देश जारी किए हैं। कहा है कि तय शुल्क से ज्यादा कीमत लेने वाले ब्लड बैंकों पर कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक सरकारी रिकॉर्ड में हीमोग्लोबीनोपैथी (खून से जुड़ी बीमारियां जैसे हीमोफीलिया, थैलीसीमिया और सिकलसेल) के 24 हजार से ज्यादा मरीज रजिस्टर्ड हैं। हालांकि इनमें निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या शामिल नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में हीमोग्लोबीनोपैथी के मरीज 50 हजार तक हो सकते हैं।
ब्लड बैंक में लगानी होगी रेट लिस्ट
हेल्थ कमिश्नर ने सभी ब्लड बैंकों के संचालकों को ब्लड सेंटर में रेट लिस्ट लगाने के आदेश दिए हैं। इस रेट लिस्ट में सभी प्रकार के शुल्क की जानकारी देना अनिवार्य है, ताकि मरीजों को पता रहे कि किस चार्ज में कौन से शुल्क शामिल किए गए हैं। ब्लड बैंक द्वारा सभी प्रकार के स्पेशलाइज्ड रिक्विरेमेंट, टेस्ट, प्रोसीजर्स के शुल्क की जानकारी ब्लड लेने वाले मरीजों को देनी होगी।
तय कीमत से ज्यादा वसूल रहे रक्त
भोपाल सहित प्रदेश भर के प्रायवेट ब्लड बैंक में खून के बदले मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। शुल्क तय होने के बावजूद निजी ब्लड बैंक मनमाने तरीके से एक्सट्रा चार्ज ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन शिकायतों के बाद रेडक्रॉस सोसाइटी और सभी प्रायवेट, चैरिटेबल के ब्लड़ सेंटर्स के संचालकों को तय रेट के मुताबिक शुल्क लेने के आदेश दिए हैं। मालूम हो कि ब्लड बैंकों में दो तरह से ब्लड प्रोसेसिंग चार्ज लिया जाता है। पहला ब्लड यानि किसी ग्रुप का एक यूनिट ब्लड मरीज को चढ़ाया जाता है। इसका शुल्क 1050 रूपए तय है। जबकि ब्लड कंपोनेंट्स के शुल्क 1650 रूपए तय है।
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