प्रशासन अस्पतालों को जोड़ रहा है होटलों से, ताकि कम लक्षण वाले मरीजों का हो सके इलाज
इंदौर। शहर के बड़े अस्पतालों (Hospitals) में बेड कोरोना मरीजों (Bed Corona Patients) से भर गए हैं। हालांकि छोटे अस्पतालों को भी अनुमति दी जा रही है। वहीं कुछ होटलों के कमरों में भी मरीजों का इलाज डे-केयर सेंटर के रूप में किया जाएगा। अभी होटल जिंजर (Hotel Ginger), अमलतास (Amaltas), कंट्री इन (Country Inn) सहित कुछ होटलों को प्रशासन ने तय भी करवाया है, जहां पर इलाज की आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है और इनसे संबंधित अस्पतालों का स्टाफ ही यहां भर्ती किए जाने वाले कम गंभीर मरीजों का इलाज करेंगे।
अभी तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है और डेढ से दो हजार नए कोरोना मरीज हर 24 घंटे में आ रहे हैं। हालांकि 70 प्रतिशत से अधिक का इलाज होम आइसोलेशन (Isolation) में ही हो रहा है। बावजूद इसके 400 से अधिक मरीजों को भर्ती करवाना पड़ रहा है और आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीजों का इंदौर आना जारी है, जिसके चलते अस्पतालों में बैड की संख्या तो बढ़ाई जा रही है, वहीं होटलों से भी उन्हें जोड़ा जा रहा है, ताकि मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सके। कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें आईसीयू की आवश्यकता नहीं है और कम गंभीर है उनका डे-केयर सेंटर के रूप में होटलों के कमरों में इलाज हो सकता है। दिल्ली, मुंबई ( Delhi, Mumbai) सहित अन्य बड़े शहरों में गत वर्ष मरीजों की संख्या बढऩे पर इसी तरह होटलों के कमरों में मरीजों को रखा गया था और इंदौर में भी मेडिकल स्टाफ (Medical Staff) के लिए प्रशासन ने होटलों के कमरे गत वर्ष लिए थे, जहां पर बाहर से आए अधिकारियों को भी ठहराया गया था।
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