- मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहे शहर में अब
इन्दौर। मध्य भारत (Madhya Bharat) में इंदौर ( Indore) अब मेडिकल हब (Medical Hub) के रूप में विकसित हो रहा है। इसके तहत यहां पर मेडिकल के क्षेत्र में हर रोज नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। महंगे इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाने वाले मरीजों के हित में काम करने वाले शैल्बी हास्पिटल्स (Shalby Hospitals) द्वारा जोड़ प्रत्यारोपण (Transplant) के लिए अपनाई जा रही जीरो टेक्निक ( Zero Technic) के जरिए जोड़ों के दर्द से पीडि़त (Victim) मरीज को बहुत ही कम समय में निजात मिल रही है।
शैल्बी हास्पिटल्स (Shalby Hospitals) में जोड़ प्रत्यारोपण (Transplant), हड्डी रोग एवं रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) (Spine) रोग के इलाज में रोज नए कीर्तिमान रचे जा रहे हैं। मेडिकल क्षेत्र (Medical Area) में बेहतर सेवा लेने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों के हर कोने से लोग डॉक्टरों की सेवा लेने इंदौर व अहमदाबाद (Ahmedabad) आते हैं। शैल्बी हास्पिटल्स (Shalby Hospitals) द्वारा शहर में जोड़ प्रत्यारोपण जीरो टेक्निक ( Zero Technic) द्वारा किया जा रहा है। यह तकनीक विश्व के सुप्रसिद्ध जोड़ प्रत्यारोपण (Transplant) सर्जन डॉ. विक्रम शाह (Dr. Vikram Shah) एवं उनकी टीम द्वारा विकसित गई है। डॉ. विक्रम शाह (Dr. Vikram Shah) का कहना है कि रोबोटिक सर्जरी ( Robotic Surgery) के लिए भी आपको सर्जन की ही आवश्यकता लगेगी, क्योंकि रोबोट अपने आप तो मरीज की जांच कर उसकी सर्जरी नहीं कर देगा। इसलिए हमारे द्वारा अपनाई जाने वाली जीरो टेक्निक ( Zero Technic) से जोड़ प्रत्यारोपण के बाद मरीज मात्र 25 मिनट में ऑपरेशन थिएटर ( Operation Theatre) से बाहर आ जाता है और सर्जरी के बाद केवल 3 घंटे में ही चलने लगता है। जीरो टेक्निक ( Zero Technic) से मध्यमवर्गीय परिवार के लोग भी अपने परिवार के सदस्यों को जोड़ों के दर्द से कम खर्च में निजात दिला सकते हैं।
पहला ऑथ्रोस्कोपी एवं स्पोट्र्स मेडिसिन डिपार्टमेंट
जोड़ो की की-होल सर्जरी को ही ऑथ्रोस्कोपी कहा जाता है। शैल्बी हास्पिटल्स (Shalby Hospitals) में मध्यप्रदेश का पहला ऑथ्रोस्कोपी (Arthroscopy) एवं स्पोट्र्स मेडिसिन डिपार्टमेंट बनाया गया है। इसके हेड डॉ. मनीष माहेश्वरी ( Dr. Manish Maheshwari) हैं। वे अब यहां नियमित रूप से कंधे, घुटने एवं अन्य जोड़ के लिगामेंट, मेनिस्कस टियर, नी प्रिजर्वेशन, शोल्डर रीकंस्ट्रक्शन आदि सर्जरी इस पद्धति से कर रहे हैं।