इंदौर। एमवाय अस्पताल की ओपीडी में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। दूर-दूर से लोग इलाज करवाने के लिए अस्पताल की ओपीडी में लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन न तो जल्द पर्ची बनना शुरू होती है और न ही इलाज के लिए डॉक्टर और स्टॉफ पहुंचता है।
एमवाय अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों मरीजों का तांता लगा हुआ है। प्रतिदिन 1500 से ज्यादा पर्चियां कटती हंै। कई मरीज तो शहर के बाहर से भी आने लगे हंै। सुबह गेट नहीं खुलते, उससे पहले से ही वे बाहर खड़े रहते हैं। गेट खुलने के बाद भी पर्ची काउंटरों पर लाइन लगाकर खड़े रहना पड़ता है। कई बुजुर्ग तो ठीक से चल भी नहीं पाते। उन्हें भी मशक्कत करना पड़ती है। ऐसे बुजुर्गों के लिए अलग से कोई काउंटर नहीं है। पर्ची कटाने के लिए सुबह लोगों की भीड़ उमडऩे लगती है, लेकिन समय पर काउंटर नहीं खोलने से लाइनें लंबी होने लगती हैं। इसलिए पर्ची कटाने में ही काफी समय निकल जाता है। जब भीड़ बढऩे लगती है और लोग परेशान होने लगते है तो काउंटर बढ़ाए जाते हैं।
पर्ची कट गई, लेकिन डॉक्टर-स्टॉफ नदारद
पर्ची कटाने के बाद मरीज ने जिस बीमारी के लिए पर्ची कटाई है, उस विभाग में पहुंचता है, लेकिन वहां पर ताले लगे होते हैं। समय पर न डॉक्टर पहुंचते हैं और न ही स्टॉफ पहुंचता है। मरीजों और उनके साथ आए अटेंडरों को काफी देर तक बाहर ही इंतजार करना पड़ता है, जिससे भीड़ बढऩे लगती है और फिर विवाद की स्थिति भी कई बार बनती है।
कई मरीजों को तो वापस लौटना पड़ता है
इन दिनों मरीजों की संख्या ज्यादा होने से दोपहर तक कई मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। इसलिए उन्हें दूसरे दिन आने का कह दिया जाता है। कई मरीज दूर-दूर से आए होते है, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।
सर्दी, बुखार के मरीजों की संख्या ज्यादा
इन दिनों शहर में डेंगू-मलेरिया के साथ वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। ओपीडी में इन मौसमी बीमारियों के मरीजों का इलाज कराने आने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। बुखार से पीडि़त कई मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
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