इंदौर। कोरोना मरीजों की संख्या कम-ज्यादा हो रही है। 48 घंटे पहले 166 मरीज मिले थे, तो कल 122 नए पॉजिटिव सामने आए हैं। दूसरी तरफ तीसरी लहर में जो ओमिक्रॉन वैरिएंट इंदौर सहित देशभर में मिला उसके दो नए वैरिएंट का भी पता चला है और इंदौर के लगभग एक दर्जन कोरोना मरीजों में ये नया वैरिएंट पाया गया है। हालांकि यह भी घातक नहीं है और अधिकांश मरीज सर्दी, जुखाम, बुखार के ही हैं। दूसरी तरफ बूस्टर डोज लगाने का अभियान भी शुरू कर दिया है। संभागायुक्त ने इस संबंध में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में भी निर्देश दिए और कहा कि सभी पात्र नागरिकों को यथाशीघ्र बूस्टर डोज लगाए जाएं। 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को केन्द्र सरकार नि:शुल्क बूस्टर डोज लगवा रही है। संभाग में पर्याप्त संख्या में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के डोज उपलब्ध हैं।
कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रॉन वैरिएंट ही सक्रिय मिला था, जो उतना घातक साबित नहीं हुआ। इसी ओमिक्रॉन में नए वैरिएंट भी पता लगा हैं, जिसमें एक बीए.2.73 और दूसरा बीए.2.3 बताया गया है। इन दो वैरिएंट के कुछ कोरोना मरीज इंदौर में मिले हैं। एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने भी पिछले दिनों कई नमूने दिल्ली स्थित लैब भिजवाए थे, जहां से जिनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है, लेकिन ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट अरविन्दो हॉस्पिटल में स्थापित जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन से की गई जांच के दौरान सामने आए हैं। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हुई समीक्षा के दौरान दोनों वैरिएंट पर चर्चा हुई।
हालांकि अधिकृत रूप से अभी इसका खुलासा नहीं किया है। 70 साल के एक मरीज के अलावा 50 साल की उम्र के अन्य तीन मरीजों में ये वैरिएंट पाया गया। हालांकि चारों मरीज फिलहाल स्वस्थ हैं। भारत में हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट घातक साबित नहीं हुआ, लेकिन दुनिया के कई देशों में इस वैरिएंट की चपेट में आए कई मरीजों की मौत हो गई है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि तीसरी लहर में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट ही मिला था, लेकिन उससे मरीजों की संख्या भले ही बढ़ी मगर अधिक नुकसान नहीं हुआ। यानी मरने वालों की संख्या बहुत कम रही। वहीं तीन-चार दिन में अधिकांश कोरोना मरीज घर पर ही ठीक हो गए। कल रात को जारी मेडिकल बुलेटिन में भी 751 सैम्पलों की जांच में 122 नए कोरोना मरीज मिले, जिसके चलते फिलहाल इंदौर जिले में 756 कोरोना मरीज उपचाररत हो गए हैं। हालांकि इनमें से सभी होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों बूस्टर डोज भी नि:शुल्क कर दिया और 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को, जिन्हें दूसरा डोज लगवाए 6 माह का समय हो गया वे तीसरा यानी बूस्टर डोज लगवाने के पात्र हैं। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बूस्टर डोज के महाअभियान की समीक्षा कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में की और निर्देश दिए कि इस टीकाकरण अभियान से कोई वंचित न रहे और पर्याप्त संख्या में डोज उपलब्ध हैं।
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