जिनेवा। लगभग नौ वर्षों के अंतराल के बाद विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य देशों के बीच मछली पालन सब्सिडी रोकने और निर्बाध व्यापार और कोरोना को देखते हुए पेटेंट नियमों में छूट को लेकर अहम सहमति बन गई है। इनसे संबंधित करार जल्द घोषित किए जाएंगे।
इसके साथ ही जिनेवा में 12 जून से शुरू हुई चार दिनी मंत्रिस्तरीय वार्ता शुक्रवार तड़के समाप्त हो गई। वार्ता से जुड़े सूत्रों ने विभिन्न समझौतों पर व्यापक सहमति की खबर दी। 2013 में बाली में हुए मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के एजेंडे में निर्बाध व्यापार का मुद्दा उठा था।
इसके नौ साल बाद सदस्य देशों ने वैश्विक सीमाओं के पार माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए व्यापार सुविधा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों पर लगातार दो रात गहन मंथन हुआ। इसके बाद शुक्रवार को एक पैकेज के एलान की तैयारी है। इसमें कोविड को देखते हुए पेटेंट नियमों में ढील और व्यापार को नुकसान पहुंचाने वाली मछली पालन सब्सिडी पर नियंत्रण को लेकर करार शामिल हैं। इन समझौतों का विस्तृत ब्योरा जल्द जारी होगा।
भारत ने इन मुद्दों पर जताई नाराजगी
डब्ल्यूटीओ की जिनेवा वार्ता 2022 में भारत की ओर से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुई। बैठक में भारत ने खाद्य सुरक्षा और मत्स्य पालन में विकसित देशों की भूमिका पर खुलकर नाराजगी जताई। भारत को पिछले महीने डीजी-डब्ल्यूटीओ द्वारा लाए गए कृषि, व्यापार और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मसौदा निर्णयों में कुछ प्रावधानों के बारे में आपत्ति थी। वहीं विकसित देशों ने ट्रिप्स पेटेंट की शर्तों को खत्म कर दिया। दूसरी ओर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सम्मेलन में यह स्पष्ट कर दिया कि मत्स्य पालन समझौते का मसौदा भारत को स्वीकार्य नहीं है। इस बीच सम्मेलन को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया गया है और कुछ मुद्दों पर कथित तौर पर सहमति बनी है।
ट्रिप्स पर अमेरिका की मंजूरी का इंतजार
सूत्रों के अनुसार सभी देश समझौतों से पूरी तरह से सहमत हुए और सर्वसम्मति से हस्ताक्षर किए गए। अस्थायी पेटेंट (ट्रिप्स) छूट पर निर्णय जल्द ही किसी भी समय होने की उम्मीद है। इस पर अमेरिका की मंजूरी की प्रतीक्षा है। इन सभी मुद्दों पर औपचारिक घोषणा जल्द ही किए जाने की संभावना है।
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