जेडआरयूसीसी बैठक में उठेगा मामला
इंदौर। इंदौर-पटना के बीच सप्ताह में तीन दिन चलने वाली ट्रेन (Train) में यात्रियों (Passanger) की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है और मार्च के पहले हफ्ते से पहले ज्यादातर श्रेणियों में कन्फर्म बर्थ मिलना मुश्किल हो रहा है। इस दबाव के कारण खासतौर पर सामान्य और स्लीपर श्रेणी में यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।
जिन यात्रियों को सामान्य श्रेणी के कोच में दाखिल होने की जगह नहीं मिलती, वे स्लीपर श्रेणी में आ जाते हैं। इससे रिजर्वेशन करवाकर सफर करने वाले यात्रियों को आने-जाने की भी जगह नहीं मिल पाती। कोच के कॉरिडोर में लोग खड़े होकर सफर करते हैं, जिससे दूसरे यात्री परेशान होते हैं। कभी-कभी तो यात्री थर्ड एसी के कोच में भी आ जाते हैं। फिलहाल इंदौर-पटना के बीच सप्ताह में तीन दिन सीधी ट्रेन है, जो हर सोमवार, बुधवार व शनिवार को इंदौर से चलती है। वहीं सप्ताह में तीन दिन इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस भी बिहार से होते हुए जाती है, पर उस पर पहले से ही बंगाल के यात्रियों का खासा दबाव है। बिहार होकर गुजरने वाली एक ट्रेन महू-इंदौर-कामाख्या साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन है, पर उस पर भी हमेशा कंफर्म टिकट मिलना मुश्किल होता है। अब पटना ट्रेन के फेरे बढ़ाने का मुद्दा जोनल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (जेडआरयूसीसी) की 16 फरवरी को मुंबई में होने वाली बैठक में उठाने की तैयारी हो रही है।
सांसद भी नहीं बढ़वा पाए फेरे
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी भी इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन के फेरे बढ़वाने की मांग तो करते रहे, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। यही हाल शिप्रा और कामाख्या एक्सप्रेस को लेकर भी है, जिसके फेरे सांसद नहीं बढ़वा पाए।
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