पटना (Patna) । पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने कहा कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (National People’s Power Party) के साथ अन्याय किया गया, फिर वह NDA के साथ रहे. पशुपति पारस RLJP की एक बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमें लोकसभा चुनावों में एक कच्चा सौदा मिला, लेकिन हमने अपनी वफादारी की. हमें उम्मीद है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा इसे समझेंगे और हमें अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में एक उचित महत्व देंगे.
पारस ने कहा कि आरएलजेपी एनडीए की ओर से उन 4 विधानसभा सीटों में से एक सीट पर चुनाव लड़ना चाहेगी, जहां उपचुनाव होने वाले हैं. ये सीटें विधायकों के सांसद बनने के खाली हो गई हैं.
तरारी सीट से किया उम्मीदवार का ऐलान
जानकारी के मुताबिक पशुपति पारस ने आरएलजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेंद्र नाथ पांडे उर्फ सुनील को तरारी सीट के लिए “उम्मीदवार” के रूप में भी प्रस्तावित किया, जो कि सीपीआई (एमएल) के विधायक सुदामा प्रसाद के इस्तीफे के लिए खाली हो गई है. पारस ने कहा कि नरेंद्र नाथ पांडे टफ फाइट देंगे. उन्होंने 2020 में एक निर्दलीय के रूप में बेहतरीन चुनाव लड़ा था. इस बारे में भाजपा को विचार करना चाहिए.
‘अपने दम पर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे’
पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि हमारी बैठक में हमने आरएलजेपी को मजबूत बनाने और विधानसभा चुनावों में एनडीए को अपनी ताकत देने का संकल्प लिया है, बशर्ते कि हमें एक सम्मानजनक हिस्सा मिले. हम अपने दम पर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
INDIA ब्लॉक में शामिल होने पर क्या बोले?
हालांकि जब उनसे पूछा कि क्या वह भाजपा को अलर्ट करने की कोशिश कर रहे थे कि वह इंडिया ब्लॉक में जा सकते हैं. इस पर पारस ने कहा कि हम ऐसा नहीं करेंगे. हम केवल उस सम्मान की मांग कर रहे हैं, जो हम चाहते हैं. लेकिन भविष्य में क्या होगा, केवल समय ही बताएगा.
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