नई दिल्ली (New Dehli)। भाजपा नेतृत्व(BJP leadership) ने राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections)के लिए घोषित पहली सूची में नए चेहरों पर दांव (bets on faces)लगा कर साफ कर दिया है कि पार्टी आगे भी बड़े बदलाव (major changes)की तरफ बढ़ रही है। 14 उम्मीदवारों की सूची में 13 नए चेहरे हैं और केवल मौजूदा सांसद सुधांशु त्रिवेदी को फिर से मौका दिया गया है। उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों में दो महिलाओं को मौका दिया है, जबकि पूर्व में कांग्रेस से आए आरपीएन सिंह को राज्यसभा से नवाजा गया है। बिहार और उत्तराखंड में भी चेहरे बदल दिए गए हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित उम्मीदवारों से साफ है कि भाजपा अपने कई राज्यसभा सांसदों को इस बार लोकसभा के मैदान में उतरना चाहती है। इसके अलावा लंबे समय से सांसद विधायक रहे नेताओं को वह दूसरे दायित्व सौंप सकती है। उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्र, जाति और सामाजिक समीकरण भी साधे गए हैं।
पार्टी नेतृत्व ने जिन 14 उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें बिहार में वैश्य समुदाय से आने वाली धर्मशिला गुप्ता और अति पिछड़ा वर्ग के डॉक्टर भीम सिंह के नाम शामिल हैं। यहां से पार्टी के यही दो उम्मीदवार चुनकर आने हैं। सहयोगी दल जदयू का उम्मीदवार घोषित होना अभी बाकी है।
हरियाणा में भाजपा ने पिछले दिनों गैर जाट राजनीति पर खुद को केंद्रित किया था, लेकिन अब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को राज्य सभा में लाकर उसने जाट समुदाय को भी साधने की कोशिश की है। छत्तीसगढ़ में राजा देवेंद्र प्रताप सिंह और कर्नाटक में नारायणा कृष्णासा भांडगे को टिकट दिया गया है।
सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश के उम्मीदवार हैं। पार्टी को यहां पर सात मिलना हैं। नौ रिटायर सांसदों में से केवल एक सुधांशु त्रिवेदी को फिर से मौका दिया गया है, जबकि बाकी नए चेहरे हैं। इनमें कांग्रेस से आए आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन के नाम शामिल हैं। पश्चिम बंगाल से पार्टी ने मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य को टिकट दिया है।
उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा में लाने का फैसला किया गया है। इससे साफ है कि मौजूदा सांसद अनिल बलूनी अब लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, उनको पौड़ी या हरिद्वार से टिकट दिया जा सकता है। इसी तरह भाजपा उत्तर प्रदेश से सांसद रहे जीवीएल नरसिम्हा को पार्टी इस बार आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। पूर्व महासचिव सरोज पांडे छत्तीसगढ़ की कोरबा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।
भाजपा ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूद राज्यसभा सांसद सुशील मोदी को इस बार टिकट नहीं दिया है। इनके अलावा जिन अन्य सेवा निवृत हो रहे सांसदों को टिकट नहीं दिया गया है, उनमें सरोज पांडे छत्तीसगढ़, डीपी वत्स हरियाणा, अनिल जैन उत्तर प्रदेश, कांता कर्दम उत्तर प्रदेश, विजय पाल सिंह तोमर उत्तर प्रदेश, हरनाथ यादव उत्तर प्रदेश, अशोक वाजपेई उत्तर प्रदेश, अनिल अग्रवाल उत्तर प्रदेश, जीबीएल नरसिम्हा उत्तर प्रदेश, सकल दीप राजभर उत्तर प्रदेश और अनिल बलूनी (उत्तराखंड) शामिल हैं।
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