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    नंबर गेम को साधने में जुटी पार्टियां

  • November 07, 2020

    • बसपा का एलान-भाजपा सरकार के साथ रहेंगे, अंतिम निर्णय मायावती करेंगे

    भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। शुक्रवार को मंत्री भूपेंद्र सिंह के बंगले पर एक के बाद एक हुई राजनीतिक मुलाकातों ने सियासी पारा चढ़ा दिया। भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक भूपेंद्र सिंह से मुलाकात करने पहुंचे भिंड से बसपा के विधायक संजू सिंह ने ऐलान कर दिया कि बसपा का समर्थन चुनाव के बाद भी बसपा को जारी रहेगा। संजू सिंह ने सुबह के वक्त भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के ठीक बाद संजू सिंह ने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में बसपा बेहतर प्रदर्शन कर रही है। जहां तक बात समर्थन की है तो फिलहाल बसपा भाजपा को समर्थन कर रही है। और नतीजों के बाद भी यह समर्थन जारी रहेगा। संजू सिंह की मुलाकात के थोड़ी देर बाद ही निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भैया भी भूपेंद्र सिंह से मुलाकात करने पहुंच गए। इतना ही नहीं मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी बंद कमरे में भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की। इन मुलाकातों के बाद एमपी का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। हालांकि शेरा ने मुलाकात के बाद चुप्पी साध ली।

    क्या प्लान बी पर हो रहा काम
    हालांकि इन मुलाकातों को भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक भूपेंद्र सिंह ने सामान्य मुलाकात करार दिया है। लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा 10 नवंबर को आने वाले नतीजों को लेकर सतर्क है और अगर नंबर गेम में कुछ गड़बड़ी हुई तो फिर निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों का समर्थन महत्वपूर्ण हो जाएगा। यही वजह है कि नतीजों से पहले भाजपा इन्हें साधने में लगी है। वहीं दूसरी तरफ नारायण त्रिपाठी की निष्ठा को लेकर पहले भी सवाल खड़े हो चुके हैं। इसलिए बीजेपी उन्हें लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।

    क्या है नम्बर गेम
    230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में फिलहाल 29 सीटें खाली हैं। इनमें से 28 सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव हुआ है। जबकि एक सीट मतदान के कुछ दिन पहले ही खाली हुई थी। लिहाजा इस पर चुनाव बाद में कराया जाएगा। सरकार बनाने के मैजिक फिगर के लिहाज से भाजपा को जहां 28 में से केवल 8 सीट जीतने की जरूरत है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 28 में से सभी 28 सीट जीतना होगा। विधानसभा में फिलहाल चार निर्दलीय दो बीएसपी और एक एसपी विधायक है।

    सेंध की आशंका से भाजपा अलर्ट
    भाजपा को जैसे ही भनक लगी कि उसके विधायकों में भी कांग्रेस सेंध लगा सकती है तो पार्टी ने कमजोर कडिय़ों पर फोकस कर लिया है। 2019 के बजट सत्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के बिल का समर्थन करने वाले दो विधायक शरद कोल और नारायण त्रिपाठी से पार्टी नेताओं ने बातचीत शुरू कर दी है। भूपेंद्र सिंह से मुलाकात के बाद त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि मैं भाजपा में था और भाजपा में ही रहूंगा। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि त्रिपाठी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बड़े बहुमत से सरकार में रहेगी।

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