कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शिक्षा भर्ती घोटाले में ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. वहीं ईडी की जांच में भी रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. अब TMC की पूर्व नेता ने पार्थ चटर्जी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी को शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.
बातचीत में पश्चिम बंगाल कॉलेज और यूनिवर्सिटीज की प्रोफेसर एसोसिएशन (WBCUPA) की पूर्व महासचिव बैसाखी बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को लेकर कई खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय में लोगों ने पैसे लिए, लेकिन चटर्जी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. पार्थ शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार के बारे में भी जानते थे, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया.
बैसाखी ने साल 2017 की एक घटना सुनाते हुए कहा कि जब पार्थ चटर्जी ने उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में एक महिला को नियुक्त करने के लिए कहा था. बैसाखी ने कहा कि उनके पास न तो नौकरी का आवेदन था और न ही उस समय कोई नौकरी का पद उपलब्ध था, लेकिन पार्थ ने मुझे एक बैक डेट के साथ एक डॉक्यूमेंट बनाने के लिए कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं ऐसा करती हूं तो राजभवन कंट्रोल में होगा. उन्होंने बताया कि जब ये वाकया हुआ, तब केशरी नाथ त्रिपाठी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे.
बैसाखी ने किए कई खुलासे
बैसाखी ने कहा कि पार्थ चटर्जी नहीं चाहते थे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकारी विश्वविद्यालयों की चांसलर बनें. बैसाखी बनर्जी ने कहा कि एक बार पार्थ ने उनसे कहा था कि “क्या मैं पागल हूं दो ममता बनर्जी को चांसलर बनने दूंगा?” बैसाखी ने बताया कि ऐसा होने पर पार्थ चटर्जी की साख दांव पर लग जाती.
कौन हैं बैसाखी बनर्जी?
बैसाखी बनर्जी TMC के प्रोफेसर सेल की महासचिव थीं, इस सेल को पश्चिम बंगाल कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर एसोसिएशन (WBCUPA) के नाम से जाना जाता है. बैसाखी 2016 के अंत से 2017 तक एसोसिएशन की महासचिव थीं. वह 2019 में भाजपा में शामिल होने से पहले TMC में भी थीं. 2021 में उन्होंने भाजपा को भी छोड़ दिया.
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