कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) आज अपनी वर्चुअल सुनवाई (virtual hearing) के दौरान फूट-फूट कर रोने लगे। शिक्षक भर्ती घोटाले (teacher recruitment scam) के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दोनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत (judicial custody) में हैं। पार्थ चटर्जी ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश से कहा, “मैं सार्वजनिक रूप से अपनी छवि को लेकर बहुत चिंतित हूं। मैं अर्थशास्त्र का छात्र था। मंत्री बनने से पहले मैं विपक्ष का नेता था।”
उन्होंने अपील करते हुए कहा, “मैं राजनीति का शिकार हूं। कृपया ईडी को एक बार मेरे घर और मेरे विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के लिए कहें। मैं एक एलएलबी हूं और मुझे ब्रिटिश स्कॉलरशिप मिली थी। मेरी बेटी यूके में रहती है। मैं इस तरह के घोटाले में खुद को कैसे शामिल कर सकता हूं? न्याय से पहले मुझे चिकित्सा उपचार दिया जाना चाहिए।” पार्थ चटर्जी ने जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया है। उनके वकील ने अदालत में अपील करते हुए कहा, “मेरा मुवक्किल जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहा है। वह भविष्य में भी सहयोग करने को तैयार हैं। कृपया उन्हें किसी भी हालत में जमानत दें।” चटर्जी ने अदालत में कहा, “मैं शांति से जीना चाहता हूं। कृपया मुझे अपना जीवन जीने की इजाजत दें। मुझे किसी भी हालत में जमानत दो।”
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चटर्जी के तुरंत बाद उनकी सहयोगी अर्पिता को जज के सामने पेश किया गया। अर्पिता मुखर्जी ने अदालत को बताया, “मुझे नहीं पता कि यह मेरे साथ कैसे हुआ। मैं वास्तव में नहीं जानती कि प्रवर्तन निदेशालय ने मेरे घर से इतनी बड़ी रकम कैसे और कहां से बरामद की।” जज ने तब अर्पिता से सवाल किया कि क्या उन्हें पता है कि पैसे कहां मिले। इस पर अर्पिता ने कहा, “मेरे निवास से।” जज ने आगे पूछा, “क्या आप घर की मालिक हैं?” इस अर्पिता ने सकारात्मक जवाब दिया और कहा कि वे उस घर की मालिक हैं।
जज ने आगे कहा, “फिर, कानून के अनुसार, आप जवाबदेह हैं।” इस पर अर्पिता ने कहा, “लेकिन मुझे बरामद किए गए पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूं। मेरे पिता अब नहीं रहे। मेरी 82 वर्षीय मां की तबीयत ठीक नहीं है। मैं एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हूं। ईडी मेरे घर पर छापेमारी कैसे कर सकती है?” फिर जज ने कहा, “ईडी किसी भी घर पर छापा मार सकता है यदि उनकी जांच में इसकी जरूरत है। उनके पास शक्ति है।”
ईडी ने जुलाई में अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता स्थित घरों से भारी मात्रा में कैश बरामद किया था। वित्तीय जांच एजेंसी ने अर्पिता के घरों से करीब 50 करोड़ नकद, सोना और आभूषण जब्त किए थे। एजेंसी को आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले, जिनके बारे में कथित तौर पर कहा जा रहा है कि वे बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े हैं।
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