नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) के रास्ते अलग हो चुके हैं। इसके बाद अब कांग्रेस (Congress) भी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party)की सरकार पर हमलावर है। जल संकट से लेकर दिल्ली में जलभराव की समस्या तक, कांग्रेस हर चीज का ठीकरा ‘आप’ पर फो़ड़ती नजर आ रही है। ऐसे में अब दिल्ली सरकार में मंत्री औपर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने भी कांग्रेस पर वार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दो बार से दिल्ली की 70 सीटों से में से शून्य सीट जीत रही है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव खुद चुनाव हार चुके हैं, इस बात की चुभन तो उन्हें होगी।
उन्होंने कहा, देश में विपक्षी दल संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। ऐसे में विपक्षी दलों के बीच फूट अच्छी बात नहीं है। राज्यों में स्थानीय नेतृत्व को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। कांग्रेस पार्टी ने पिछली दो विधानसभाओं में शून्य सीटें जीती थीं। देवेन्द्र यादव खुद चुनाव हार रहे हैं. तो जाहिर सी हात है कि उन्हें चुभन को होगी। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर हम सभी गठबंधन का हिस्सा हैं और हम स्थानीय स्तर पर अनावश्यक बहस में नहीं पड़ना चाहते।
AAP ने दी थी नसीहत
इससे पहले सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए उनसे दिल्ली में नरमी बरतने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को राष्ट्रीयस्तर पर इंडिया गठबंधन को ध्यान में रखना चाहिए। अगर पार्टी इंडिया गठबंधन के दलों के खिलाफ ही मोर्चा खोल देगी तो किसी भी मुद्दे पर एक राय कैसे बनेगी।
वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देवेंद्र यादव ने कहा था कि जब कांग्रेस 15 साल तक दिल्ली में सत्ता में थी, तब राष्ट्रीय राजधानी में अभूतपूर्व विकास हुए और लोगों को आज भी वे ‘अच्छे दिन’ याद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्लीवासियों को अब पीने योग्य पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और बार-बार बिजली कटौती, जलभराव और वायु एवं जल प्रदूषण ने उनका जीवन दयनीय बना दिया है।
देवेंद्र यादव ने कहा कि बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ नियमित रूप से चर्चा होगी, जिससे दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
कांग्रेस ने कहा- शराब घोटाला बना हार की वजह
दिल्ली कांग्रेस के नेता और पार्टी के नेशनल मीडिया पैनलिस्ट अभिषेक दत्त ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आबकारी नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मिलीभगत के कारण पार्टी को आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘जब हमने (कांग्रेस) ने आबकारी नीति घोटाला उजागर किया, तो हमने तत्कालीन सरकार से एक उचित जांच की मांग की। लेकिन केस दर्ज होने के 18 महीनों बाद भी ईडी और सीबीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन लोकसभा चुनाव से सिर्फ एक महीने पहले उन्होंने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।’
अभिषेक दत्त ने आगे कहा, ‘अरविंद केजरीवाल के घोटाले में शामिल होने के कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। मेरा मानना है कि अगर हम उनके साथ चुनाव नहीं लड़ते तो कांग्रेस की सीटें चुनाव में बढ़ जातीं। आबकारी घोटाले के कारण कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में नुकसान हुआ। घोटाले में शामिल होने के कारण सत्येंद्र कुमार जैन जेल में हैं। मनीष सिसोदिया जेल में हैं और इन सभी के कारण कांग्रेस को नुकसान हुआ है।’
इसके बाद कांग्रेस नेता ने दिल्ली की मंत्री आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा कि आतिशी धरने पर बैठकर नाटक कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘आतिशी धरने पर बैठकर नाटक कर रही हैं और इसी कारण AAP को नुकसान हो रहा है। मंत्री का काम जनता को सुविधाएं देना है। दिल्ली में पानी नहीं है और वे धरना दे रहे हैं।’
इससे पहले कांग्रेस ने INDIA गठबंधन के अंतर्गत आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस दौरान दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने तीन और आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। हालांकि इनमें से एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका।
अभिषेक दत्त के AAP पर हमलावर होने से पहले 6 जून को आम आदमी पार्टी ने कहा था कि पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन किए बिना अकेले दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी, पार्टी नेता गोपाल राय ने कहा कि दोनों दल राष्ट्रीय राजधानी में केवल लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ आए थे।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री राय ने तब एएनआई से कहा था, ‘यह पहले दिन से ही स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव के लिए INDIA गठबंधन बना है। जहां तक विधानसभा का सवाल है, कोई गठबंधन नहीं हुआ है। AAP अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।’
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आठ सीट हासिल की थीं।
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