भोपाल। कोरोना (Corona) काल में जल्द ही प्रदेश की जेलों (Jails) में बंद 60 साल से ज्यादा की आयु के पुरूष और 45 पार की महिला कैदी रिहा होंगी। इस संबंध में जेल मुख्यालय (Jail headquarters) ने सभी जेल अधीक्षकों से ऐसे कैदियों (Prisoners) की जानकारी बुला ली है। साथ ही गंभीर बीमारी वाले कैदी भी आपात पैरोल (Emergency Parole) पर रिहा होंगे। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए ऐेसे कैदियों को 90 दिन के आपात पैरोल (Emergency Parole) पर रिहा किया जाएगा। मप्र हाईकोर्ट (MP High Court) ने भी आपात पैरोल (Emergency Parole) पर छोडऩे का रास्ता साफ कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक (Mohammad rafiq) व जस्टिस अतुल श्रीधरन (Atul Sreedharan) की युगलपीठ ने व्यवस्था दी गई कि कोविड संकट के मद्देनजर जिन महिला बंदियों के अवयस्क बच्चे साथ में हैं उन्हें और जो गर्भवती हैं, उन्हें भी पैरोल पर रिहा किए जाने पर गंभीरता से विचार किया जाए। 17 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी।
गंभीर बीमारी वाले को भी पैरोल
हाई कोर्ट ने आदेश में साफ किया कि जिन बंदियों को कैंसर, ह्दय रोग, किडनी रोग, अस्थमा व टीवी सहित अन्य गंभीर बीमारियों की शिकायत है, उनको भी 90 दिन की पैरोल पर रिहा किए जाने की दिशा में ध्यान दिया जाए। इसी तरह सात साल तक की अधिकतम सजा के अंडर ट्रायल बंदियों को पैरोल पर रिहा किए जाने के आवेदन संबंधित पुलिस अधीक्षक जिला सत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। कोर्ट ने व्यवस्था दी कि नए बंदियों को पुराने बंदियों से अलग रखा जाए। सबसे पहले उनका कोविड टेस्ट कराया जाए। इसी तरह पुराने बंदियों का भी प्रति 15 दिन में एक बार कोविड टेस्ट अनिवार्य रूप से कराया जाए।
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