भोपाल। कोई भी अपराधी जेल में नहीं रहना चाहता। हर कैदी का सपना होता है कि वह जेल की चारदीवारों से बाहर निकल जाए। इसके लिए लोग वकीलों को हर कीमत देने के लिए तैयार रहते है। इस कोरोना काल ने स्थितियां बदल दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने 4500 कैदियों की पैरोल की अवधि को 30 दिनों को लिए बढ़ा दिया है।
कोरोना वायरस (corona virus) को देखते हुए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की जेलों से कई कैदी पैरोल पर रिहा किए गए। प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home and Jail Minister Narottam Mishra) ने शनिवार को बताया कि फिलहाल मध्य प्रदेश की जेलों से लगभग 4500 कैदी 60 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर हैं। उन्होंने कहा कि (Covid-19) महामारी के मद्देनजर सरकार ने इन कैदियों की पैरोल अवधि और 30 दिन बढ़ाकर 90 दिन करने का निर्णय लिया है।
मंत्री ने बताया कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि ऐसा हो सकता है कि फिलहाल पैरोल पर जेल से बाहर रह रहे ये कैदी अपने साथ कोरोना वायरस जेल में ले आएं। इसके कारण जेल में बंद अन्य कैदी भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जेलों में बंद सभी कैदियों की आरटी-पीसीआर जांच कराई जाएगी।
नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश की जेलों में बंद 18 हजार कैदियों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है। इस दौरान प्रदेशभर की जेलों में वैक्सीनेशन के लिए 100 से ज्यादा शिविर लगाए जा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार को जेलों में भीड़ कम करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद पिछले साल मार्च में जेल के कैदियों को पहली बार पैरोल पर रिहा किया गया था।
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