नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा. इसकी घोषणा संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi) ने गुरुवार को की. उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र नई संसद में आयोजित (Session held in new parliament) किया जाएगा और 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी. मंत्री ने कहा कि शीतकालीन सत्र नई संसद में आयोजित किया जाएगा. अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा की उम्मीद है.
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले तीन प्रमुख विधेयकों पर सत्र के दौरान विचार किए जाने की संभावना है क्योंकि गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टों को अपनाया है. संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है. शीतकालीन सत्र क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा और यह इस साल का आखिरी संसद सत्र होगा.
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सितंबर में संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाया था. विशेष सत्र नए संसद भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें सरकार ने पुराने संसद भवन के 75 साल के इतिहास पर चर्चा की, जिसे संसदीय कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के लिए बनाया गया. प्रतिष्ठित संरचना के इतिहास को संरक्षित करने के लिए पुरानी इमारत के एक हिस्से को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा.
पांच दिवसीय विशेष सत्र में संसद के दोनों सदनों में ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक भी पारित हुआ. विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी सरकार का समर्थन किया था, लेकिन कहा गया कि 2029 तक ये महिला आरक्षण लागू सकता है, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी. उसका कहना था कि इसे इतनी देरी से क्यों लागू किया जा रहा है.
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