नई दिल्ली: मणिपुर में पिछले करीब तीन महीनों से हिंसा जारी है. हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में पिछले कई दिनों से हंगामा जारी है. आज भी हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा है कि सरकार इस मामले पर चर्चा करने के लिए तैयार है. हम चाहते हैं कि दो बजे के बाद इस मुद्दे पर चर्चा की जाए. विपक्ष लगातार संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है.
मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य के हालात बहुत गंभीर हैं. बीजेपी और इसके घटक दलों को भी मणिपुर का दौरा करना चाहिए. हमारी मांग है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो. वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मणिपुर संवेदनशील मामला है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सदन में चर्चा हो, जिसके लिए सरकार तैयार है. बाहर बयानबाजी करना गलत है.
रणनीति के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन की बैठक
इससे पहले संसद में रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे. वहीं, संसद परिसर में इंडिया गठबंधन की बैठक भी हुई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी समेत गठबंधन में शामिल अन्य दलों के कई नेता शामिल हुए. बता दें कि मणिपुर के हालात पर मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद ठप है. सरकार ने मणिपुर पर चर्चा का पेशकश की है, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में चर्चा के तरीके पर मतभेद है.
विपक्ष लेकर आया अविश्वास प्रस्ताव
सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर की घटना पर सख्त टिप्पणी की थी और महिलाओं के खिला किसी भी अत्याचार को गंभीरता से लेने को कहा था. हालांकि विपक्ष संसद के भीतर पीएम मोदी से बयान की मांग कर रहा है. विपक्ष पीएम को बयान देने पर मजबूर करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आया, जिसे लोक सभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव की तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है.
‘I.N.D.I.A’ ने मणिपुर में क्या देखा?
गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन के 21 सांसद कल ही दो दिन के मणिपुर दौरे से लौटे हैं. विपक्षी सांसद शनिवार से रविवार तक मणिपुर में रहे और हिंसा प्रभावित इलाकों में पीडितों से मुलाकात की. विपक्षी नेता मणिपुर के राज्यपाल से भी मिले. विपक्ष का आरोप है कि मणिपुर में हालात चिंताजनक हैं और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली सवालों में है. राज्य सरकार के फैसलों से आमलोग बेहाल हैं. केंद्र को मणिपुर में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए.
मणिपुर पर सत्ता पक्ष मुखर
वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्षी सांसद मणिपुर पर चर्चा से भाग रहे हैं. विपक्षी बताएं कि पहले मणिपुर कैसे जलता रहता था? हिंसा में सैकड़ों की जान चली जाती थी. बावजूद इसके किसी गृह मंत्री या प्रधानमंत्री ने संसद में बयान नहीं दिया.
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