नई दिल्ली (New Delhi) । कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के मामले में सोमवार को संसद (Parliament) से लेकर सूरत तक सरगर्मी रही। एक तरफ गुजरात में सूरत की सत्र अदालत ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को जमानत दे दी, तो दूसरी तरफ संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष (Opposition) के बीच खूब हंगामा हुआ। विपक्ष अडानी (adani) मामले में जेपीसी (JPC) की मांग पर अड़ा था तो सत्ता पक्ष ब्रिटेन मामले में राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहा था।
मानहानि मामले में सूरत की सत्र अदालत ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने वाले राहुल गांधी को सोमवार को जमानत दे दी। राहुल गांधी को मोदी उपनाम के संदर्भ में उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील के लिए उनकी सजा एक महीने के लिए निलंबित कर दी थी। फैसले के एक दिन बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत ने कहा कि वह मामले में शिकायतकर्ता-भारतीय जनता पार्टी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करने के बाद 13 अप्रैल को दोषसिद्धि के निलंबन के लिए राहुल की याचिका पर सुनवाई करेगी। सत्र अदालत ने प्रतिवादी (पूर्णेश मोदी) को 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
राहुल को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं होगी। सोमवार अपराह्न करीब तीन बजे मामले की सुनवाई के समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेता अदालत कक्ष में मौजूद थे। राहुल और प्रियंका अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक लग्जरी बस में सत्र अदालत परिसर पहुंचे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई अन्य नेता सूरत में मौजूद थे।
दोनों सदनों में हंगामा
उधर, संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर हंगामा किया। इसके चलते दोनों सदन एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिए गए। लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका, हालांकि राज्यसभा में हंगामे के बीच ही प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक को बिना चर्चा के मंजूरी दी गई। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।
बजट सत्र को दो दिन बचे
संसद के बजट सत्र को अब केवल दो दिन बचे हैं। मंगलवार को महावीर जयंती के अवकाश के बाद पांच व छह अप्रैल को संसद की कार्यवाही होगी। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए अब दोनों सदनों के चलने के कोई आसार नहीं है। अब जो भी कामकाज होगा, वह हंगामे के बीच ही होगा।
13 मार्च से शुरू हुआ था दूसरा चरण
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ था, लेकिन उसके बाद से दोनों सदनों में हंगामा जारी है। पहले सत्तापक्ष व विपक्ष की तरफ से हंगामा रहा। विपक्ष जेपीसी की मांग व सत्ता पक्ष राहुल से माफी की मांग कर रहा था। राहुल की सदस्यता रद्द होने के बाद सत्तापक्ष अपेक्षाकृत शांत है, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी है।
लोकसभा की बैठक शुरू होते ही सोमवार को निवर्तमान सांसद गिरीश भालचंद्र बापट और पूर्व सदस्य इनोसेंट के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद बैठक दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। दोपहर दो बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर प्रस्तुत कराए।
इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य आसन के पास आकर ‘हमें चाहिए जेपीसी’ के नारे लगाने लगे। अग्रवाल ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि सत्र समाप्ति की ओर है। कुछ विधायी कामकाज होने दें। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने बैठक करीब पांच मिनट बाद ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाना शुरू किया। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने अडानी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से, कांग्रेस नेता राहुल को लेकर की गई उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांग को लेकर नारे लगाए। हंगामे के कारण सभापति ने बैठक शुरू होने के करीब तीन मिनट के भीतर ही इसे दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।
दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को राज्यसभा दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि सदन चर्चा, बहस और विचार विमर्श के लिए है ना कि व्यवधान और हंगामे के लिए। हंगामे के बीच ही प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक, 2022 पेश को बिना चर्चा के ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने करीब दो बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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