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    Parle को 10 साल से मिल रही ये कामयाबी, Amul-Britannia दौड़ में पीछे

  • July 30, 2022


    नई दिल्ली: पारले-जी (Parle-G) बिस्किट के टेस्ट का जादू आज भी लोगों की जुबान पर बरकरार है. तभी तो यह घरेलू बिस्किट ब्रांड लंबे समय से लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. कांतार इंडिया की सालाना ब्रांड फुटप्रिंट (Kantar India Annual Brand Footprint Report) रिपोर्ट के अनुसार, बिस्किट ब्रांड पारले 2021 में भारत में तेजी से बढ़ते कंज्यूमर प्रोडक्ट (FMCG) में सबसे अधिक चुना जाने वाला ब्रांड बना रहा. लगातार 10 साल से पारले इस मामले में टॉप पर बना हुआ है.

    10 साल से नंबर वन पारले
    कांतार इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कंज्यूमर रीच प्वाइंट (CRP) के आधार पर 2021 में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले FMCG ब्रांड को शामिल किया है. कंज्यूमर रीच प्वाइंट को ग्राहकों की ओर से की गई खरीद और एक कैलेंडर वर्ष में इन खरीदारी की फ्रिक्वेंसी के आधार पर मापा जाता है. पिछले 10 साल से कांतार ब्रांड की फुटप्रिंट रैंकिंग जारी कर रहा है. पारले बिस्किट के बाद इस लिस्ट में अमूल (Amul), ब्रिटानिया (Britannia), क्लिनिक प्लस (Clinic Plus) और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ब्रांड शामिल हैं. पारले 6531 (मिलियन) के कंज्यूमर रीच प्वाइंट के स्कोर के साथ 10वें साल भी टॉप पर काबिज है.


    पारले की CRP में इजाफा
    2020 की तुलना में 2021 में पारले ने कंज्यूमर रीच प्वाइंट में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की है. इस दौरान अमूल का CRP 9 फीसदी बढ़ा है, जबकि ब्रिटानिया के CRP में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है. पैकेज्ड फूड ब्रांड हल्दीराम ने CRP क्लब के टॉप-25 में एंट्री की है और वो 24वें नंबर पर है. कंज्यूमर रीच प्वाइंट में बढ़ोतरी की रिपोर्ट में ब्रांडों की संख्या में सुधार हुआ है. ब्रांड फुटप्रिंट 2022 में 400 से अधिक ब्रांड और 98 बिलियन CRP मापने वाले खाद्य, होम केयर, स्वास्थ्य, ब्यूटी और डेयरी ब्रांड शामिल हैं.

    साल 1929 में हुई थी शुरुआत
    पारले की शुरुआत साल 1929 में हुई थी. पारले ने पहली बार 1938 में पारले-ग्‍लूको (पारले ग्‍लूकोज) नाम से बिस्किट का उत्पादन शुरू किया था. 1940- 50 के दशक में कंपनी ने भारत के पहले नमकीन बिस्‍किट ‘मोनाको’ को पेश किया था. साल 1974 में पारले ने स्‍वीट-नमकीन का क्रैकजैक बिस्किट पेश किया था. 1980 के बाद पारले ग्लूको बिस्‍किट के नाम को शॉर्ट कर पारले-जी बना दिया गया था. यहां ‘जी’ का मतलब ग्लूकोज से था. कंपनी ने साल 1983 में चॉकलेट मेलोडी और 1986 में भारत के पहला मैंगो कैंडी मैंगो बाइट को लॉन्च किया था.

     

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