डेस्क: नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. इस खेल में ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय बने थे. इसके बाद उन्होंने मेडल की बौछार कर दी थी. वर्ल्ड चैंपियनशिप से लेकर डायमंड लीग तक हर बड़े टूर्नामेंट के चैंपियन बने. पेरिस ओलंपिक में उनके प्रदर्शन को लेकर चिंता जताई जा रही थी, क्योंकि वो इंजरी से लौट रहे थे. हालांकि, उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में अपने प्रदर्शन से साफ कर दिया कि उन पर शक नहीं करना चाहिए. नीरज ने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर तक जैवलिन फेंककर फाइनल में जगह बना ली. इस राउंड में वो सबसे ऊपर रहे. हालांकि, गोल्ड मेडल जीतना उनके लिए इतना आसान नहीं होने वाला क्योंकि 4 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो लगातार उन्हें टक्कर देते हुए आए हैं और इस बार भी कड़ा मुकाबला करेंगे.
जैवलिन थ्रो के क्वालिफिकेशन राउंड में खिलाड़ियों को ए और बी के दो ग्रुप में बांट दिया गया था. दोनों ग्रुप में 15-15 खिलाड़ी मौजूद थे. फाइनल में डाइरेक्ट क्वालिफिकेशन के लिए 84 मीटर पार करना जरूरी होता है. इसके अलावा दोनों ग्रुप मिलाकर 12 बेस्ट थ्रोअर को फाइनल में जगह मिलती है. नीरज ने पहला ही थ्रो में 89.34 मीटर दूर जैवलिन फेंक दिया. ये किसी भी टूर्नामेंट के क्वालिफिकेशन में उनका अब तक का सबसे शानदार थ्रो था.
ये इस सीजन में नीरज का बेस्ट थ्रो भी था. बता दें नीरज का करियर बेस्ट थ्रो 89.94 मीटर का है. हालांकि, इस दौरान कुछ खिलाड़ी उन्हें टक्कर देते नजर आए.नीरज चोपड़ा के बाद दूसरा बेस्ट थ्रो ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स का रहा. एंडरसन ने 88.63 मीटर दूर जैवलिन फेंका. ये वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने नीरज को 2022 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बुरी तरह हराया था. एंडरसन ने जहां 3 बार की कोशिश में हर बार 90 मीटर के पार फेंका. वहीं नीरज इस मुकाबले 88.13 मीटर के बेस्ट थ्रो कर सके थे. एंडरसन को नीरज का सबसे बड़ा खतरा माना जा रह है, क्योंकि उनका करियर बेस्ट 93.07 मीटर है.
जैवलिन थ्रो के फाइनल में कुल 12 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. फाइनल को दो राउंड में खेला जाएगा. पहले राउंड में सभी खिलाड़ी तीन-तीन बार थ्रो करेंगे. इस राउंड में सबसे दूर जैवलिन फेंकने वाले टॉप-6 खिलाड़ी दूसरे और अंतिम राउंड में जाएंगे. एक बार फिर वो 3 मौके मिलेंगे. आखिर में इन 6 खिलाड़ियों के सभी थ्रो मिलाकर जो बेस्ट 3 होंगे उन्हें ही गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिया जाएगा. जैवलिन को एक ट्रैक पर दौड़ लगाते हुए फेंका जाता है. खिलाड़ियों को थ्रो के दौरान ट्रैक पर बनाई हुई लाइन का भी ख्याल रखना होता है. इस लाइन से पहले रुककर उन्हें जैवलिन फेंकना होता है. उसे पार करने पर थ्रो नहीं माना जाता है.
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