पेरिस (Paris)। पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris olympics 2024) में भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी (India’s star badminton player) लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने शानदार प्रदर्शन किया है और वह मेन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल (Men’s Singles Semifinals) में अपनी जगह पक्की कर चुके हैं. लक्ष्य सेन ने क्वार्टर फाइनल मैच में चीनी ताइपे (Chinese Taipei) के चोउ टिएन चेन (Chou Tien Chen) को 19 -21, 21-15, 21-12 से हराया था. पहली बार कोई भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ओलंपिक गेम्स में मेन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंचा है. अब लक्ष्य सेमीफाइनल मैच जीतकर कम से कम सिल्वर मेडल पक्का करना चाहेंगे।
22 साल के लक्ष्य सेन का सेमीफाइनल में मुकाबला टोक्यो ओलंपिक 2020 के चैम्पियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन से होगा. विक्टर फिलहाल वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे नंबर पर हैं और वह दो बार विश्व चैम्पियनशिप जीत चुके हैं. उधर भारत के लक्ष्य सेन की रैंकिंग 22 है. लक्ष्य और एक्सेलसेन का सेमीफाइनल मैच 4 अगस्त (रविवार) को भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे से खेला जाना है. पीवी सिंधु के साथ ही सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी के हारने के बाद अब पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन में सारी उम्मीदें लक्ष्य पर टिकी हैं।
वैसे लक्ष्य सेन के लिए सेमीफाइनल मुकाबला आसान नहीं रहने वाला है. एक्सेलसेन और लक्ष्य के बीच अब तक आठ मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें से सात में डेनमार्क के शटलर ने बाजी मारी. लक्ष्य केवल एक मौके पर ही एक्सेलसेन को हरा सके. एक्सेलसेन के खिलाफ लक्ष्य को एकमात्र जीत साल 2022 में जर्मन ओपन में मिली थी, जिसमें उन्होंने तीसरा गेम 22-20 से जीतकर मैच अपने नाम किया था. यह दो साल पहले की बात है, लेकिन इससे लक्ष्य को यह भरोसा मिल सकता है कि एक्सेलसेन उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं।
देखा जाए तो लक्ष्य सेन और विक्टर एक्सेलसेन के बीच पिछला मुकाबला इस साल की शुरुआत में सिंगापुर ओपन में हुआ. उस टूर्नामेंट के राउंड-32 में दोनों की मुलाकात हुई थी. तब तीन गेम तक चले मैच में एक्सेलसेन ने 21-13, 16-21, 21-13 से जीत हासिल की थी. लक्ष्य के लिए एक और अच्छी खबर यह है कि इस साल एक्सेलसेन उतने लय में नहीं दिखे हैं. वह कुछ प्रमुख टूर्नामेंट्स में जल्दी ही बाहर हो गए।
विक्टर एक्सेलसेन और लक्ष्य सेन इस बड़े स्टेज पर पूरी ताकत झोंकने वाले हैं. एक्सेलसेन नेट पर तेज आदान-प्रदान, ड्रॉप शॉट और कोर्ट में गहराई से बड़े स्मैश करने में माहिर हैं. साथ ही एक्सेलसेन को शॉट-मेकिंग भी काफी पसंद है. इससे उन्हें रैली में बने रहने और डिफेंसिव खेलने बजाय रैलियों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
लक्ष्य सेन को विक्टर के खिलाफ अपना शत प्रतिशत देना होगा. चोउ टिएन चेन के खिलाफ लक्ष्य ने जैसा खेल दिखाया, उसे इस मैच में भी दोहराना होगा. इसमें कोई संदेह नहीं कि लक्ष्य ऐसा करने में सक्षम हैं. वह दुनिया के बेस्ट डिफेंसिव खिलाड़ियों में से एक है. लक्ष्य ने चोउ के खिलाफ डिफेंस और अटैक का जो मिश्रण दिखाया, वह काफी शानदार रहा. लेफ्ट से राइट की ओर क्रॉसकोर्ट स्मैश ने लक्ष्य के लिए क्वार्टर फाइनल में वास्तव में अच्छा काम किया था।
एक साथ ट्रेनिंग कर चुके दोनों खिलाड़ी
लक्ष्य सेन को इस साल थॉमस कप के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं किया था. इसके बाद लक्ष्य ने पूर्व विश्व नंबर-1 खिलाड़ी साथ ट्रेनिंग किया. लक्ष्य के कोच विमल कुमार ने इस बात का खुलासा किया था. विमल ने कहा, ‘जब लक्ष्य वापस आया, तो उसने विक्टर के पेशेवर रवैये का उल्लेख किया. जैसे कि उनके ट्रेनिंग सत्र कितने गहन थे और प्रशिक्षण के दौरान वह कितना केंद्रित थे. ये वे बातें थीं जो लक्ष्य के लिए वास्तव में आंखें खोलने वाली थीं।
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