पेरिस: फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस (Paris) में आयोजित होने वाले ओलिंपिक (Olympics) समारोह पर आतंकी हमले (terrorist attack) का खतरा मंडरा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि ISIS-K पेरिस ओलिंपिक को निशाना बना सकता है। ऐसे में खतरे को टालने के लिए फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसियां (French security agencies) चौकन्नी हैं और वे दूसरे देशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में भी हैं। पेरिस ओलिंपिक की शुरुआत 26 जुलाई को होने वाली है। इसका अंत 11 अगस्त को होगा। इसमें दुनियाभर के देशों के शीर्ष खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं। ओलिंपिक के इतिहास में पहले भी आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में फ्रांसीसी सुरक्षा अधिकारी कोई भी चांस नहीं लेना चाहते हैं।
ताजिकिस्तान पर फ्रांसीसी एजेंसियों की खास नजर
फ्रांस में राजनीतिक शरण लेने वाले ताजिक पत्रकार तेमुर वर्की ने बताया कि इस साल मार्च के अंत में उन्हें पेरिस पुलिस से फोन आया था। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही उनके ही देश से ताल्लुक रखने वाले इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने रूस की राजधानी मॉस्को में नरसंहार किया था। फ्रांसीसी पुलिस अधिकारियों ने तेमुर से ताजिकिस्तान से फ्रांस आए अप्रवासियों के एक छोटे से समुदाय के बारे में पूछा। वर्की ने याद किया कि अधिकारियों ने पूछा था, उनमें से एक रूसी भाषा बोल रहा था, जो मध्य एशिया में आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। इसके जवाब में तेमुर ने कहा कि वह देश में मुट्ठी भर ताजिक लोगों को जानते हैं, जिनमें मुख्य रूप से साथी प्रवासी और वहां के कई सरकार विरोधी लोग हैं।
ताजिक लोगों के आईएसआईएस से जुड़े होने का शक
दरअसल, फ्रांसीसी पुलिस को शक है कि आईएसआईएस के आतंकी समूह का ताजिकिस्तान समेत अन्य मध्य एशियाई देशों के लोगों के साथ संबंध हो सकता है। इस कड़ी की जांच के लिए फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियां मध्य एशियाई देशों के संपर्क में हैं। इनमें वर्तमान और पूर्व खुफिया अधिकारी, पुलिस, राजनयिक और मध्य एशियाई प्रवासी शामिल हैं, जिनसे अधिकारियों ने संपर्क किया है। इस साल दुनिया में दो बड़े आतंकी हमले हुए हैं। इसके बाद फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि ये हमले ISIS-K के ताजिक सदस्यों द्वारा किए गए थे। ISIS-K इस्लामिक स्टेट की एक शाखा है, जिसका नाम खोरासन के ऐतिहासिक क्षेत्र के नाम पर रखा गया है, जिसमें ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के कुछ हिस्से शामिल हैं।
दो बड़े हमले में शामिल रहे हैं ताजिकिस्तानी नागरिक
3 जनवरी को ईरान में एक दोहरे आत्मघाती बम विस्फोट में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सोलेमानी के स्मारक समारोह में लगभग 100 लोग मारे गए, जबकि 22 मार्च को मॉस्को त्रासदी में बंदूकधारियों ने क्रोकस सिटी हॉल में संगीत समारोह में भाग लेने वालों पर गोलीबारी की, जिसमें 130 से अधिक लोग मारे गए। इन दोनों हमलों को आईएसआईएस-के के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
फ्रांसीसी पुलिस ने बड़े हमले को किया नाकाम
फ्रांसीसी अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने ओलिंपिक पर एक इस्लामी हमले को पहले ही विफल कर दिया है। दरअसल, पुलिस ने मई के अंत में एक 18 वर्षीय चेचन व्यक्ति की गिरफ्तार किया था, जिस पर सेंट-इटियेन के फुटबॉल स्टेडियम में इस्लामिक स्टेट की ओर से आत्मघाती मिशन की योजना बनाने का संदेह है। इस स्टेडियम में फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूक्रेन खेलने वाले हैं।
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