इन्दौर। लगभग छह महीने बाद कल से स्कूल खुले। इस दौरान पालकों से भराए जा रहे सहमति पत्र को लेकर कुछ स्कूलों में स्कूल संचालक और पालकों के बीच हलके-फुलके विवाद भी सामने आए। पालकों ने सहमति पत्र के कुछ बिन्दुओं पर आपत्ति भी दर्ज कराई।
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते छह महीने से स्कूल बंद हैं और बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष गाइड लाइन के आधार पर कल से 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए और बच्चों ने स्कूल पहुंचकर शिक्षकों से पढ़ाई से जुड़ी समस्याओं को लेकर मार्गदर्शन लिया। अधिकांश स्कूलों में उन्हीं बच्चों को प्रवेश दिया गया, जिन्होंने अपने पालकों से सहमति पत्र भराया है। हालांकि शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार की गाइड लाइन की प्रति स्कूलों को भेज दी है। उसके आधार पर ही स्कूलों को कोरोना वायरस से बचाव को लेकर विशेष प्रबंध करना हैं। वहीं कुछ निजी स्कूलों ने अपने स्तर पर खुद सहमति पत्र तैयार कर उसे प्रिंट कराकर पालकों को उपलब्ध कराया है। सूत्रों के अनुसार निजी स्कूलों द्वारा जो सहमति पत्र तैयार किया गया है उसके कुछ बिन्दुओं को लेकर पालकों ने आपत्ति दर्ज कराई है। सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बजाय अपने बच्चों को स्कूल न भेजते हुए स्वयं स्कूल संचालकों से सम्पर्क किया और बिन्दुओं पर आपत्ति दर्ज कराई। इस संबंध में कुछ पालकों ने प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी संजय गोयल से भी सम्पर्क किया, जिस पर उनका कहना था कि सहमति पत्र का अवलोकन करने के बाद अगर उसमें कुछ गलत होगा तो संशोधन किया जाएगा।
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