इंदौर। कोरोना काल ने कई ऐसे उदाहरण दिए हैं, जहां नजदीकी रिश्तों के
बावजूद लोग दूर हो गए, लेकिन शहर में एक विवाह ऐसा हुआ कि माता-पिता और भाई के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बड़े मम्मी-पापा ने दुल्हन का कन्यादान किया।
बियाबानी में रहने वाले नीमा परिवार के लिए कोरोना मानो कहर बरपाने ही आया था। इस परिवार की बिटिया बंसरी का विवाह पिछली 10 तारीख को हुआ और उसके बड़े मम्मी-पापा ने ही कन्यादान किया। दरअसल यहां रहने वाले दाऊलाल नीमा के परिवार में उनके पुत्र संजय नीमा की बेटी और उनकी पोती का विवाह होना था, लेकिन इससे ठीक पहले ही वधू के नानाजी राजकुमार नीमा का निधन हो गया। परिवार इस सदमे से उबर ही नहीं पाया था कि दुल्हन की दादी और दाऊलाल की पत्नी ज्ञानवती नीमा भी चल बसीं। इसी दौरान खुद दाऊलाल नीमा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और वे परिवार से दूर हो गए। परिवार में शादी की तैयारी चल रही थी, लेकिन परिवार ने निर्णय लिया कि पहले सभी कोरोना की जांच करवाएंगे, क्योंकि यह समाज और परिवार के हित में जरूरी है। जांच कराने के बाद दुल्हन के पिता संजय और मां बरखा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और बाद में उसके भाई शुभ भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। हालांकि दुल्हन की रिपोर्ट नेगेटिव थी। शादी 10 तारीख को होना थी और उसके बाद कोई मुहूर्त भी नहीं था तो परिवार ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शादी करने का निर्णय लिया और तय हुआ कि दुल्हन के बड़े मम्मी-पापा अजय नीमा और स्मिता नीमा ही बंसरी का कन्यादान करेंगे। इसमें बंसरी के ससुराल के साकी परिवार और ननिहाल पक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। हालांकि एक बात यह भी रही कि बंसरी शुरू से ही अपने बड़े मम्मी-पापा को डैडी-मम्मी कहकर बुलाती थी और शादी के समय भी किस्मत ने उन्हीं को कन्यादान करने का मौका दिया। कोरोना जैसे कठिन समय में इस तरह की शादी भी नामी परिवार में यादगार बन गई।
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