वॉशिंगटन: ट्विटर (Twitter) की कमान अब भारतीय मूल के पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) के हाथों में है. जैक डोर्सी (Jack Dorsey) के इस्तीफा देने के बाद उन्हें ट्विटर का नया सीईओ बनाया गया है. हालांकि, नई जिम्मेदारी संभालने के साथ ही पराग विवादों में आ गए हैं. इसकी वजह है कुछ साल पहले किया गया उनका एक ट्वीट. कुछ मीडिया संस्थान और राइट विंग्स से जुड़े लोग इस ट्वीट को लेकर उन्हें निशाना बना रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि पराग के ट्वीट से झलकता है कि उनकी नजर में सभी गोरे लोग नस्लवादी हैं.
2010 में किया था Tweet
पराग ने ये ट्वीट 26 अक्टूबर 2010 को किया था और उस वक्त तक वह ट्विटर (Twitter) से नहीं जुड़े थे. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, अगर वे मुसलमानों और चरमपंथियों के बीच भेद नहीं करने वाले, तो मैं गोरे लोगों और नस्लवादियों के बीच अंतर क्यों करूं? हालांकि, अग्रवाल अपने ट्वीट में साफ किया था कि वे सिर्फ आसिफ मांडवी की पंक्तियों को शेयर कर रहे हैं, लेकिन अब उस पर बवाल हो रहा है.
Dorsey के कदमों पर चलेंगे पराग?
सोशल मीडिया यूजर्स का वो धड़ा, जो लगातार ट्विटर पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाता रहा है, उसने पराग अग्रवाल के ट्वीट को आधार बनाकर एक बार फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निशाना साधा है. ट्विटर पर #paragagrawalracist भी ट्रेंड हो रहा है. कुछ आलोचकों का यहां तक कहना है कि अग्रवाल डोर्सी के कदमों पर ही चलेंगे. बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ट्विटर द्वारा बैन करने पर भी दक्षिणपंथी लोगों ने इसका विरोध किया था.
जैक का किया धन्यवाद
पराग अग्रवाल की बात करें तो सीईओ बनने से पहले तक वे कंपनी में बतौर CTO (Chief Technology Officer) काम कर रहे थे. पराग ने साल 2011 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में ट्विटर जॉइन किया था. बाद में वे कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बन गए. अग्रवाल ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई IIT Bombay से की. इसके बाद उन्होंने डॉक्टरेट Stanford University से किया. जैक डोर्सी के इस्तीफा देने के बाद पराग अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि जैक और हमारी पूरी टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं भविष्य को लेकर बेहद उत्साहित हूं.
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