नई दिल्ली: पिछले साल एलन मस्क द्वारा बर्खास्त किए गए ट्विटर के तीन शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को मुकदमा दायर किया. उन्होंने मांग की है कि ट्विटर में उनकी नौकरी के दौरान उन्हें जो मुकदमेबाजी, जांच और कांग्रेस की पूछताछ झेलनी पड़ी उसके लिए उन्हें क्षतिपूर्ति दी जाए.
कंपनी के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल ने पूर्व मुख्य कानूनी और वित्तीय अधिकारी के साथ मिलकर 10 लाख डॉलर के मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा कि न्हें भुगतान करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है. एक समाचार एजेंसी एएफपी का दावा है कि जब ट्विटर से इस पर जवाब मांगा तो कंपनी ने पूप (मल) वाले इमोजी के साथ इमेल का जवाब दिया.
कोर्ट में मुकदमे के लिए जमा दस्तावेजों में अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) और न्याय विभाग (DOJ) द्वारा पूछताछ से संबंधित कई खर्चों को का जिक्र किया गया है. लेकिन इसमें जांच की प्रकृति या क्या वे अभी भी चल रहे हैं, इस पर विवरण शामिल नहीं है. अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, अग्रवाल और तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल ने पिछले साल SEC को गवाही दी और सरकारी अधिकारियों के साथ लगातार उनकी बातचीत अब भी जारी है.
SEC इस बात की जांच कर रहा है कि क्या एलन मस्क ने ट्विटर के शेयरों को जमा करते हुए प्रतिभूति नियमों का पालन किया? मस्क ने ट्विटर के विवादास्पद $44 अरब के अधिग्रहण के बाद अक्टूबर के अंत में तत्कालीन सीईओ पराग अग्रवाल, मुख्य कानूनी अधिकारी विजया गड्डे और मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. तीन पूर्व अधिकारियों का तर्क है कि ट्विटर उनकी क्षतिपूर्ति के लिए बाध्य है लेकिन अभी कंपनी ने इस मामले में सिर्फ यह जवाब दिया है कि उनके बिल कंपनी को मिल गए हैं.
ट्विटट के अधिग्रहण के बाद कंपनी में लोगों के पद तेजी से गिराए गए. इसके कारण कंपनी में स्थिरता को लेकर चिंताएं पैदा हो गईं. किराया ने देने को लेकर भी ट्विटर के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं. मस्क बड़े स्तर पर कॉस्ट कटिंग कर रहे हैं. मार्केट ट्रैकर्स के अनुसार, ट्विटर का एड रेवेन्यू तेजी से नीचे आ गया है. लोगों को लग रहा है कि ट्विटर पर पोस्ट किए जाने वाले कॉन्टेंट से मॉडरेशन हटा दिए जाने के कारण यह फेक न्यूज का गढ़ बन गया है.
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