जबलपुर। अग्निबाण द्वारा पिछले अंक में बताया गया था कि कैसे रांझी में भाजपा ने जमीनी कार्यकर्ताओं को चुनावी मौसम में दूर कर दिया जिसका खामियाजा संगठन को चुनावी परिणाम में भुगतना पड़ सकता है। तीन वार्डों का सर्वे प्रकाशित करने के बाद इसी कड़ी में अग्निबाण सुदर्शन वार्ड, लाला लाजपत राय, दीवाना आधार सिंह, निर्मल चंद जैन, गोकलपुर वार्ड की स्थिति पाठकों के समक्ष रख रहा है ।
निर्मल चंद्र जैन वार्ड
निर्मल चंद्र जैन वार्ड में पहले से ही एक निर्दलीय प्रत्याशी पार्षद रह चुका है। पिछली बार सांसद और विधायक के करीबी संदीप राठौर को बीजेपी से टिकट दी गई थी जो कि निर्दलीय प्रत्याशी से बुरी तरह हार गए थे। इस बार भी इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
दीवान आधार सिंह वार्ड
दीवान आधार सिंह वार्ड में पिछले दो बार से भाजपा के पार्षद प्रदीप यादव थे। इस बार भाजपा द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के करीबी को टिकट दी जाने की बात सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार इस प्रत्याशी का पूरे क्षेत्र में कोई भी जनाधार नहीं है जनता इसे पैराशूट प्रत्याशी कह रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से राकेश श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया है। राकेश श्रीवास्तव व्यापारिक संगठन के अध्यक्ष भी हैं ।
गोकलपुर वार्ड
गोकलपुर वार्ड में कांग्रेसी प्रत्याशी वत्सला मिश्रा है जो कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आलोक मिश्रा की पत्नी है। यह सीट शुरू से कांग्रेस के ही खाते में रही हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी को कार्यकर्ताओं का साथ भी नहीं मिल पा रहा है। अर्थात इस सीट में कांग्रेस के प्रत्याशी का वर्चस्व इतना है की भाजपा के दावेदार को जनसंपर्क करने के पहले सौ बार सोचना पड़ रहा है।
सुदर्शन वार्ड
बीजेपी से अनुसूचित जनजाति के पूर्व नगर अध्यक्ष आशीष संय्याम की पत्नी लक्ष्मी ठाकुर पार्षद थी। परंतु उनकी टिकट काटकर नगर अध्यक्ष के खास संतोष ठाकुर की पत्नी को मौका दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार यहां पर बाजी कांग्रेस मार सकती है। क्योंकि आशीष संय्याम पार्टी के इस फैसले से नाखुश हैं और वह कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन कर सकते हैं। अर्थात यह सीट भी कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है।
लाला लाजपत वार्ड
लाला लाजपत वार्ड में कोल समाज की संख्या सबसे ज्यादा है और यही चुनावी समीकरण को निर्धारित करती हैं सूत्रों के अनुसार समाज की मांग को दरकिनार करते हुए सावित्री शाह को टिकट दी गई है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने कोल समाज की मंजू उइके को प्रत्याशी बनाया है। यहां सीधे-सीधे मंजू की जीत तय मानी जा रही है, क्योंकि उन्हें पूर्व में ही कोल समाज का समर्थन प्राप्त है।
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