इंदौर। ऊर्जा विभाग के निर्देश पर पेपरलेस बिजली बिल प्रक्रिया में अमल प्रारंभ कर दिया है। पीथमपुर, देपालपुर और शाजापुर में पेपरलेस बिल प्रारंभ हो गए हैं। कंपनी क्षेत्र के 13-14 अन्य शहरी क्षेत्रों पर पेपरलेस बिजली बिल अगस्त व सितंबर तक प्रारंभ हो जाएंगे। इंदौर में तकरीबन डेढ़ महीने बाद ई-बिल की शुरुआत हो जाएगी।
पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी के बड़ी शहरी आबादी वाले क्षेत्रों में पूरी तरह से पेपरलेस बिजली बिल वितरित करने पर टनों कागज की बचत होगी। बिजली कंपनी ने पेपरलेस बिजली बिल की प्रक्रिया के एनजीबी बिलिंग सॉफ्टवेयर से विशेष ऐप को जोड़ा है। इस ऐप को डाउनलोड करने वाले मीटर रीडर घर-घर पहुंचेंगे और वहीं से स्पाट (पेपरलेस) बिजली बिल उसी समय देंग। पेपरलेस बिजली बिल में बिल की पीडीएफ लिंक भी होगी। इस तरह रीडिंग के 10 सेकंड बाद ही उपभोक्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर बिल की टेक्स्ट मैसेज के रूप में सामग्री (विवरण) के साथ लिंक भी मिल जाएगी।
इस लिंक पर अंगुली घुमाते ही मोबाइल पर ए4 की साइज के रूप में पूरा बिल पेज खुल जाएगा। इस बिल में मौजूदा बिल की तरह 25 से 30 कॉलम भी होंगे। बिजली कंपनी ने पीथमपुर फिर देपालपुर और जुलाई के दूसरे सप्ताह में शाजापुर में यह व्यवस्था प्रारंभ कर दी है। जुलाई अंतिम सप्ताह में आगर में पेपरलेस बिजली बिल मिलने लगेंगे। अगस्त से देवास, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, मंदसौर, नीमच, रतलाम में पेपरलेस बिल प्रारंभ होंगे।
कंपनी क्षेत्र के जिला मुख्यालयों में बिजली कंपनी को 80,000 मोबाइल नंबर और उपभोक्ताओं के जुटाना हैं। इसके लिए 600 से ज्यादा मीटर रीडर कार्य कर रहे हैं। कंपनी क्षेत्र के 2 बड़े शहर इंदौर और उज्जैन में 8,60,000 बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें लगभग 90,000 मोबाइल नंबर और एकत्रित करना हैं। इसके साथ ही जुलाई के 20 दिनों में इतने ही मोबाइल नंबर एकत्रित किए जा चुके हैं। कंपनी ने इंदौर, उज्जैन में उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा होने और सही मोबाइल नंबर का क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए अनुमानित समय ज्यादा लगने से सबसे अंत में सितंबर में पेपरलेस बिल प्रारंभ करने का फैसला लिया है।
वर्ष में पौने दो करोड़ बिल प्रति कागज की बचत
पेपरलेस बिजली बिल से एक ओर जहां उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए तकरीबन 2 सप्ताह का समय मिलेगा, साथ ही प्रतिमाह 14 से 15 लाख एवं वर्ष में करीब पौने दो करोड़ कागज ( बिल की प्रति) की बचत भी होगी। बिल तैयार करने, छापने और वितरण करने में लगने वाला बड़ा खर्चा, समय और श्रम की बचत होगी। इस बिल प्रक्रिया में पहले की तुलना में केस लेस भुगतान के लिए उपभोक्ता प्रेरित होंगे, क्योंकि उन्हें मोबाइल पर बिल मिलेगा जिसमें पेमेंट लिंक भी रहेगी।
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